लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार सुर्खियों में रहते हैं. कभी Covid मैनेजमेंट को लेकर तो कभी लापरवाह अफसरों पर कढ़ाई को लेकर. ऐसे में उत्तर प्रदेश में अपना प्रभाव स्थान पर योगी आदित्यनाथ की टेडी नजर आना शुरू हो गई है जन शिकायतों के निस्तारण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditya Nath) का खास जोर है. वह लगातार इसे लेकर निर्देश देते हैं, फिर भी कुछ अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं. विभिन्न माध्यमों से आने वाली जन शिकायतों का निस्तारण समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) के माध्यम से किया जा रहा है, जिसकी निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय से होती है. इसमें दस अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है. मुख्यमंत्री ने इन सभी से स्पष्टीकरण लेने का निर्देश संबंधित जिलाधिकारियों को दिया है.
सचिवालय के विभिन्न अधिकारियों को फीडबैक आदि लेने के लिए लगाया गया:
जन शिकायतों का निस्तारण समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली पर सचिवालय के विभिन्न अधिकारियों को फीडबैक आदि लेने के लिए लगाया गया है. पूरी प्रक्रिया पर मुख्यमंत्री कार्यालय (CM Office in UP) के वरिष्ठ अधिकारियों की नजर रहती है. वह भी निस्तारित मामलों में पीडि़त से बात कर फीडबैक लेते हैं. इसी नियमित प्रक्रिया में दस अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है. न लापरवाही अधिकारियों (negligent officers) में रायबरेली के जिला पूर्ति अधिकारी, झांसी के जिला पंचायत राज अधिकारी, प्रयागराज, जौनपुर, सुल्तानपुर, गाजीपुर, अलीगढ़, शाहजहांपुर के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के साथ ही भदोही और उन्नाव के विकास विभाग के अफसर शामिल हैं.
बताया गया है कि आमजन से फीडबैक मिला है कि इन अधिकारियों ने जन शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण और संतोषजनक निस्तारण करने की बजाए सरसरी तौर पर मामले निपटाए. इसे गंभीरता से लेते हुए योगी ने संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इन अधिकारियों से स्पष्टीकरण लिया जाए. ऐसे अन्य अधिकारियों को भी चिन्हित करें, जो जन शिकायतों को लेकर असंवेदनशील हैं. इनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.