जयपुर : पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधीन स्मारकों पर ऑनलाइन टिकट में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. नाहरगढ़ में डीओआईटी द्वारा अधिकृत तीन फर्म के कर्मचारी एक ही टिकट को दो बार प्रिंट कर फर्जीवाड़ा कर रहे थे. पूरे मामला पकड़े जाने के बाद भी फौरी कार्रवाई कर तीनों फर्म को नाम मात्र का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया.
राजधानी जयपुर में पुरातत्व विभाग के अधीन 8 संग्रहालय हैं. इनमें ऑनलाइन टिकटिंग के लिए ई मित्र कियोस्क संचालकों के कर्मचारियों के लिए बाकायदा गाइडलाइन जारी की गई थी. पिछले दिनों नाहरगढ़ में एक ही टिकट को दो बाद प्रिंट करने की शिकायत मिल रही थी. इसके बाद औचक निरीक्षण करवाया गया. औचक निरीक्षण में एक ही टिकट को दो बार प्रिंट करने, ई मित्र कियोस्क धारक द्वारा निर्धारित वेशभूषा नहीं पहनने, पहचान पत्र धारा नहीं करने, बिना सूचना कियोस्क कार्मिक का गैरहाजिर रहना सहित कई मामलों की पुष्टि हुई.
दरअसल तीन फर्म जोधपुर डीआरके, श्रीराम महिमा एंटरप्राइजेज, ओवी टेक्नोलॉजी के कर्मचारी यहां कार्य कर रहे हैं. तीनों के खिलाफ शिकायत साबित होने पर जुर्माना भी लगाया. खास बात यह है कि राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड ने जोधपुर डीआरके, श्रीराम महिमा एंटरप्राइजेज और ओवी टेक्नोलॉजी पर नाम मात्र की कार्रवाई की गई. नियमों की पालना न करने के नाम पर 500 रुपए, डमी ट्रांजेक्शन जैसे संगीन अपराध पर 5 हजार रुपए और पहचान पत्र न होने पर 100 रुपए सहित कुल 5600 रुपए रुपए जुर्माना लगाया है.
भविष्य में इस तरह की शिकायत पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है. प्रदेश की छवि से जुड़े इस संगीन मामले में फर्जीवाड़ा करने वाली फर्म को ब्लैकलिस्ट करने के स्थान पर औपचारिक कार्रवाई करने उन्हें बचाने के इस मामले में पुरातत्व विभाग, डीओआईटी दोनों ही चुप्पी साधे हु हैं. खास बात यह है कि इस मामले को सार्वजनिक करने के बजाय चुपचाप पर्दा डालने के प्रयास किए गए. अब देखना होगा कि टिकट फर्जीवाडे क मामले में पुरातत्व विभाग सघन जाचं करवाएगा या नहीं ?