गोपालन विभाग में सामने आया अजब-गजब कारनामा, घर आने-जाने के लिए उपयोग में ली सरकारी गाड़ी, अतिरिक्त निदेशक से होगी वसूली !

जयपुर: गोपालन विभाग में एक अजब-गजब मामला सामने आया है. विभाग के अतिरिक्त निदेशक सरकारी गाड़ी काम में लेने के लिए अधिकृत नहीं थे. लेकिन वे रोज कार्यालय से घर आने-जाने के लिए सरकारी गाड़ी काम में लेते रहे. कैग ने जब निरीक्षण किया और आपत्ति की तो विभाग ने सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग की राशि उनके वेतन से वसूलने को कह दिया है. 

गोपालन विभाग के निदेशक आरएएस चांदमल वर्मा का 12 अप्रैल को जारी हुआ एक आदेश अपने आप में बड़ी नजीर है. यह आदेश उन सरकारी अधिकारियों के लिए नजीर है जो सरकार के संसाधनों का दुरुपयोग करते हैं और उन्हें निजी कार्यों में उपयोग लेते हैं. यह आदेश विभाग के पूर्व निदेशक और वर्तमान में अतिरिक्त निदेशक डॉ. लाल सिंह के बारे में है. दरअसल डॉक्टर लाल सिंह लम्बे समय से सरकारी गाड़ी को अपने निजी उपयोग में ले रहे थे. 

हाल ही में जब नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक की टीम ने विभाग का निरीक्षण प्रतिवेदन जारी किया था तो उसमें यह सामने आया था कि अतिरिक्त निदेशक डॉक्टर लाल सिंह सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग कर रहे थे. दरअसल गोपालन विभाग को वित्त विभाग ने 3 सरकारी गाड़ियों के उपयोग के लिए अनुमति दे रखी है. इनमें से एक गाड़ी निदेशक के लिए, जबकि 2 गाड़ी निदेशालय के पूल के लिए हैं. लेकिन ये गाड़ियां विभागीय कार्यालय से 5 किमी दायरे में ही उपयोग में ली जा सकती हैं. कैग की टीम ने जब इन गाड़ियों की लॉग बुक जांची तो पता चला कि अतिरिक्त निदेशक रोज सरकारी गाड़ी का उपयोग घर से कार्यालय आने-जाने के लिए कर रहे थे.

अतिरिक्त निदेशक रोज 80 किमी आते-जाते थे सरकारी गाड़ी से:- 
- कैग की टीम ने जब जांच की तो पाया कि गाड़ियों का दुरुपयोग हुआ
- अतिरिक्त निदेशक डॉ. लाल सिंह घर से आने-जाने के लिए नहीं थे अधिकृत
- लेकिन वे लगातार सरकारी गाड़ी से ही घर से ऑफिस आ-जा रहे थे 
- 9 सितंबर 2016 के आदेश के मुताबिक यदि कोई अधिकारी घर आता-जाता है गाड़ी से
- तो उस स्थिति में वेतन से हर महीने 1 हजार रुपए की कटौती होना जरूरी
- लेकिन डॉ. लाल सिंह के वेतन से हर माह 1 हजार की कटौती भी नहीं हुई
- इसे अनियमितता मानते हुए कैग ने डॉ. लाल सिंह से राशि वसूलने का लिखा आक्षेप
- 11.50 रुपए प्रति किमी की दर से रोज 80 किमी की राशि वसूलने को लिखा
- इस तरह सालभर के 18160 किमी के लिए 2.08 लाख रुपए राशि वेतन से वसूल होगी

कैग के इस निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर गोपालन विभाग के मौजूदा निदेशक चांदमल वर्मा ने अतिरिक्त निदेशक डॉ. लाल सिंह से यह राशि वसूल करने का आदेश जारी किया है. यह अपने आप में पहला मामला है जब विभाग के पूर्व निदेशक स्तर के अधिकारी से इस तरह राशि वसूल की जाएगी. आपको बता दें कि डॉक्टर लाल सिंह भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक के जरिए गिर और थारपारकर नस्ल सुधार के मामले में भी घोटाले के आरोपी हैं. इस मामले में भी कैग ने 12 लाख 38 हजार रुपए वसूल करने के लिए आक्षेप लिखा है.

नस्ल सुधार कार्यक्रम में भी घोटाले की जांच जारी:- 
- अतिरिक्त निदेशक डॉ. लाल सिंह के खिलाफ चल रही है जांच
- नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत 150 गायों में हुआ था भ्रूण प्रत्यारोपण
- लेकिन इनमें से 31 गाय ही गर्भवती हुई, 119 का गर्भ रहा असफल
- लेकिन फिर भी डॉ. लाल सिंह ने निदेशक रहते कराया फर्म को भुगतान
- 13.69 लाख का भुगतान तो खुद के रिटायरमेंट के दिन किया 
- रिटायरमेंट के बाद भी अतिरिक्त निदेशक पद पर लगे हुए हैं डॉ. लाल सिंह
- 9 मार्च को फर्स्ट इंडिया ने किया था इस गड़बड़झाले का खुलासा
- 16 मार्च 2023 को कैग ने इसकी पुष्टि की और माना घोटाला हुआ
- CAG ने सम्बंधित फर्म और गौशालाओं से 12.38 लाख वसूलने को लिखा
- गोपालन निदेशक और पशुपालन FA की कमेटी कर रही इस मामले की जांच
- इस मामले में डॉ. लाल सिंह की पेंशन रोका जाना संभव