जयपुर: पंचांग का हिंदू धर्म में शुभ व अशुभ देखने के लिए विशेष महत्व होता है. पंचाग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है. यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, शुभ तिथि, नक्षत्र, व्रतोत्सव, राहुकाल, दिशाशूल और आज शुभ चौघड़िये आदि की जानकारी देते हैं.
शुभ मास- मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष
शुभ तिथि अष्टमी जया संज्ञक तिथि अंत रात्रि 6 बजकर 50 मिनट तक रहेगी. अष्टमी तिथि में यथा आवश्यक विवाह आदी, मनोरंजन, लेखन, प्रवेश इत्यादि कार्य शुभ रहते हैं. अष्टमी तिथि में जन्मे पुत्र या पुत्री धनवान, गुणवान, पराक्रमी होते हैं. अष्टमी तिथि को मास मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
शुभ नक्षत्र अश्लेषा नामक "तीक्ष्ण" संज्ञक नक्षत्र सायं 6 बजकर 58 मिनट तक तत्पश्चात मघा नक्षत्र रहेगा. अश्लेषा में शत्रु, कोर्ट कचहरी इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. शुभ-मांगलिक कार्य वर्जित है. अश्लेषा नक्षत्र गंड मूल नक्षत्र माना जाता है. इस नक्षत्र में जन्मे जातक की गंड मूल शांति हवन 27 दिन बाद पुनः इसी नक्षत्र के दिन करा लेनी चाहिए. अश्लेषा नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक क्रोधी स्वाभाव वाला, सुन्दर, धनवान, बुद्धिमान होता है.
चन्द्रमा- सायं 6-58 तक कर्क राशि में तत्पश्चात सिंह में संचार करेगा
व्रतोत्सव- श्री कालभैरवाष्टमी ,कालाष्टमी
राहुकाल- दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक
दिशाशूल- बुधवार को उत्त्तर दिशा मे दिशाशूल रहता है. यात्रा को सफल बनाने लिए घर से गुड़, धनिया खा कर निकले.
आज के शुभ चौघड़िये- सूर्योदय से प्रातः 9.32 तक लाभ अमृत का, प्रातः 10.52 मिनट से दोपहर 12.11 मिनट तक शुभ और दोपहर 2.51 मिनट से सूर्यास्त तक चर, लाभ का चौघड़िया.