आगरा: आगरा पुलिस ने रविवार को कहा कि अखिल भारत हिंदू महासभा (एबीएचएम) के सदस्य एक प्रतिद्वंद्वी समूह को फंसाने के लिए गोकशी की झूठी प्राथमिकी दर्ज कराने में कथित रूप से शामिल थे.
एबीएचएम के प्रवक्ता ने इस आरोप से इनकार किया. सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) आर के सिंह ने कहा कि एबीएचएम के पदाधिकारी जितेंद्र कुशवाहा ने 30 मार्च को इत्माद-उद-दौला पुलिस थाने में मुसलमानों के एक समूह के इशारे पर गोवध के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी.
शानू और इमरान को गिरफ्तार कर लिया गया:
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि प्राथमिकी में उन्होंने रिजवान उर्फ कल्ला, नकीम, विजू उर्फ छोटू, शानू उर्फ इल्ली और इमरान का नाम लिया था. इसके बाद शानू और इमरान को गिरफ्तार कर लिया गया था. बहरहाल, गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों ने पूछताछ के दौरान पुलिस से कहा कि उन्हें एक प्रतिद्वंद्वी मुस्लिम समूह द्वारा मामले में फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी समूह ने एबीएचएम को कथित गोहत्या के बारे में सूचित किया था और मामला दर्ज कराया था.
किसी भी सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया:
सिंह ने कहा कि पुलिस जांच में पता चला कि प्रतिद्वंद्वी समूह को फंसाने के लिए झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इत्माद-उद-दौला थाना प्रभारी राज कुमार ने कहा कि गोहत्या मामले में कथित साजिश के सिलसिले में अब तक एबीएचएम के किसी भी सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया गया है. इस बीच, एबीएचएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट ने पुलिस पर संगठन को फंसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. सोर्स-भाषा