जयपुर: जयपुर विकास प्राधिकरण भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. यह एक बार फिर से साबित हो गया जब एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आज पहली बार जयपुर विकास प्राधिकरण में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए साथ 7 घूसखोरों को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए दबोच लिया.
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम में यह कार्रवाई जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन 9 में की कार्रवाई के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने एक तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, पटवारी रविकांत शर्मा विमला मीणा, गिरदावर श्रीराम शर्मा,रुक्मिणी देवी, JEN खेमराज मीणा और पटवारी विमला मीणा के पति महेश मीणा को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. सभी आरोपियों ने डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. रिश्वत की यह राशि परिवादी से उसकी जमीन का भूमि रूपांतरण करने की एवज में मांगी गई थी.
परिवादी ने सितंबर 2023 से भूमि रूपांत्रण के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण में फाइल लगा रखी थी पिछले 1 साल से परिवादी लगातार JDA के चक्कर काट रहा था इसी दौरान पटवारी विमला मीणा के पति महेश मीणा ने भूमि रूपांतरण करने वाली फाइल का निस्तारण करवाने के लिए पैकेज के रूप में 12 लाख रुपए मांगे. महेश मीणा एजेंट के रूप में जयपुर विकास प्राधिकरण में लगातार घूमता रहता था. रूपये मांगने के बाद डील डेढ़ लाख रुपए में तय हुई.
रिश्वत की डिमांड की जाने पर परिवादी ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो में कर डाली. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सात बार पूरे मामले का सत्यापन कराया. सत्यापन के दौरान जयपुर विकास प्राधिकरण का जोन 9 पूरी तरीके से भ्रष्ट पाया गया. मौजूद तहसीलदार पटवारी गिरदावर समेत सभी सत्यापन के दौरान रिश्वत देते हुए पाए गए. योजना के तहत एसीबी की टीम ने जाल बिछाते हुए 20 टीमों के साथजयपुर विकास प्राधिकरण के जोन 9 में कार्रवाई करते हुए एक साथ 7 लोगों को रिश्वत लेते हुए दबोच लिया. एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई से पूरे जेडीए में हड़कंप मच गया.
रिश्वत की राशि मौजूद पटवारी गिरदावर तहसीलदार ने अलग-अलग जगह छुपा दी. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने छुपाई गई इस राशि को बरामद कर लिया. इतना ही नहीं इसके अतिरिक्त एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने एक लाख रुपए की रिश्वत की राशि और बरामद की डेढ़ लाख रुपए की राशि सभी लोगों ने आपस में बाट ली थी. 50 हजार रुपए तहसीलदार से 40000 रुपए JEN और 20-20 हजार रुपए पटवारी गिरदावर से एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बरामद किए.
हालांकि जोन कमिश्नर की भूमिका को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम लगातार जांच पड़ताल कर रही है. जांच पड़ताल के दौरान सामने आया है कि लंबे समय से रिश्वतखोरी का खेल जयपुर विकास प्राधिकरण में चल रहा था. फिलहाल इस पूरे प्रकरण में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम अन्य अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी जांच पड़ताल में जुट गई है.