जयपुर: प्रदेश की भजनलाल सरकार ने विभिन्न निकायों में लगे सेवानिवृत्ति कार्मिकों के खिलाफ एक बड़ा एक्शन लिया है. प्रदेश भर के विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं में बड़ी संख्या में सेवानिवृत्ति कार्मिक लगे हुए हैं. इसके पीछे वजह है इन निकायों में स्टाफ की भारी कमी. विभिन्न निकायों में लगे इन कार्मिकों को लेकर नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा को मिली थी शिकायतें. इन शिकायतों में कहा गया था कि ये सेवानिवृत कार्मिक निकायों में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं. इनमें से कई कार्मिक पिछली सरकार में सिफारिश पर लगे हुए हैं. आपको बताते हैं इन शिकायतों पर राज्य सरकार ने क्या एक्शन लिया और राज्य सरकार के एक्शन के बाद किस तरह निकाय हरकत में आए.
-नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त् शासन विभाग ने आज संयुक्त रूप से आदेश जारी किए
-इस आदेश के माध्यम से सभी विकास प्राधिकरणों नगर सुधार न्यास,
-नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगमन में लगे सेवानिवृत्ति कार्मिकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई
-इस आदेश की पालना रिपोर्ट आज ही निकायों को भिजवाने की हिदायत दी गई
-इस आदेश के बाद प्रदेश के निकाय हरकत में आए और
-इन निकायों ने सेवानिवृत्ति कार्मिकों को अपने यहां से हटाने की कवायद शुरू कर दी
-जेडीए ने तो इन कार्मिकों को हटाने का आदेश भी जारी कर दिया
प्रदेश के शहरी विकास की सबसे बड़ी संस्था जयपुर विकास प्राधिकरण में बड़ी संख्या में सेवानिवृत्ति कार्मिक लगे हुए थे. सरकार के आदेश पर जेडीए ने भी अपने स्तर पर आदेश जारी कर इन कार्मिकों की सेवाएं समाप्त कर दी. आपको बताते हैं जेडीए में कितने सेवानिवृत्ति कार्मिक लगे हुए थे और इन पर किन पदों की जिम्मेदारी थी.
-जेडीए में कुल 163 सेवानिवृत्ति कार्मिक लगे हुए थे
-इनमें वरिष्ठ नगर नियोजक, उपनगर नियोजक,अधिशासी अधिकारी, उप सचिव,
-निजी सचिव, निजी सहायक, संयुक्त निदेशक, लेखा अधिकारी, सहायक लेखा अधिकारी स्तर के कार्मिक शामिल थे
-इसी तरह नगर नियोजन सहायक, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी,प्रशासनिक अधिकारी,
-सहायक निरीक्षक उद्यान, कनिष्ठ लिपिक,प्रबंधक, लेखपाल, मुख्य प्रहरी, भंडार प्रबंधक,
-सहायक प्रशासनिक अधिकारी,रीडर,कार्यालय अधीक्षक,कनिष्ठ सहायक,वरिष्ठ लिपिक,
-अधीक्षक वैज्ञानिक अधिकारी, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ अभियंता, कार्यालय सहायक स्तर के कार्मिक लगे हुए थे
-अनुभाग अधिकारी,हवलदार,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी,लाइनमैन, सहायक उप निरीक्षक,
-उप निरीक्षक पुलिस, निरीक्षक भूमि, भू अभिलेख निरीक्षक, पटवारी और भू मापक स्तर के कार्मिक लगे हुए थे
प्रदेश के शहरों की इन संस्थाओं में स्टाफ की काफी कमी है. इसी के चलते सेवानिवृत कार्मिकों की सेवाओं की जरूरत पड़ती है. पिछली कांग्रेस सरकार में चलाए गए प्रशासन शहरों के संग अभियान के लिए बड़ी संख्या में निकायों में सेवानिवृत कार्मिक लगाए गए थे. अब इन सभी कार्मिकों की सेवाएं सरकार ने समाप्त कर दी हैं. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि निकायों में स्टाफ की कमी कैसे दूर होगी? क्या बड़े पैमाने पर इन निकायों में नई भर्ती की जाएगी अथवा दुबारा से सेवानिवृत कार्मिकों की सेवाएं ही लेनी पड़ेगी.