गरीबों के लिए बन रहे मकानों का निर्माण कार्य होगा पूरा, फंड मैनेजमेंट समिति की बैठक में दी गई स्वीकृति, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः प्रदेश भर के शहरों में गरीबों के लिए निर्माणाधीन 19 हजार से अधिक मकानों का निर्माण पूरा होने का रास्ता साफ हो गया है. राशि नहीं मिलने के कारण इन मकानों का निर्माण लंबे समय से रूका हुआ है. क्या है पूरा मामला.

मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लोगों के लिए प्रदेश भर के 18 शहरों में 19 हजार 930 मकान निर्माणाधीन है. इन मकानों का निर्माण कार्य लंबे समय से रूका हुआ है. नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा इन मकानों का काम पूरा कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए थे. आपको सबसे पहले बताते हैं कि इन मकानों का निर्माण किस प्रकार शुरू किया गया और किस शहर में ऐसे कितने मकान अधूरे पड़े हैं

-मुख्यमंत्री जन आवास योजना के प्रावधान के अनुसार निकाय अपनी भूमि पर मकानों का निर्माण कराते हैं
-ईडब्लूएस और एलआईजी वर्ग के लोगों के लिए निजी बिल्डर से मकानों का निर्माण कराते हैं
-मकानों के निर्माण से पहले संबंधित निकाय से आवेदन मांगे जाते हैं
-प्राप्त आवेदनों की लॉटरी निकाली जाती है
-सफल आवेदक किश्तों में मकान निर्माण के राशि जमा कराते हैं
-आवेदकों की ओर से जमा कराई राशि से ही बिल्डर की ओर से मकान निर्माण कराया जाता है
-इस मामले में लंबे समय से आवेदकों ने राशि जमा कराना बंद कर दिया है
-राशि जमा नहीं होने से बिल्डर ने भी मकानों का निर्माण बंद कर दिया है
-प्रदेश भर के शहरों में 19 हजार 930 मकान ऐसे हैं,जो अधूरे पड़े हैं
-शहर वार अधूरे मकानों की संख्या को देखें तो बालोतरा में 480,
-ब्यावर में 794,भीलवाड़ा में 560,बूंदी में 716,फालना में 504,हिंडौनसिटी में 659,
-झालावाड़ में 914,जोधपुर में 9552,केकड़ी में 656,केशोरायपाटन में 743,
-खेतड़ी में 544,निम्बाहेड़ा में 491,पाली में 912,पुष्कर में 535,
-राजसमंद में 302, रावतभाआ में 1168 और सिरोही में 400 मकान अधूरे पड़े हैं

मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत अधूरे पड़े इन 19 हजार 930 मकानों का निर्माण पूरा कराने के  उद्देश्य से हाल ही रूडसिको की फंड मैनेजमेंट कमेटी की बैठक हुई. आपको बताते हैं कि बैठक में ऐसा क्या फैसला किया, जिसके चलते इन मकानों का निर्माण दुबारा शुरू हो पाएगा   

-स्वायत्त शासन सचिव रवि जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला किया गया
-इन मकानों का काम पूरा करने के लिए कॉरपस फंड सृजित करने का फैसला किया गया
-इस कॉरपस फंड के लिए 200 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई
-इस राशि से इन अधूरे पड़े मकानों का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा
-हांलाकि सभी 19 हजार 930 मकानों का निर्माण पूरा करने के लिए यह राशि पर्याप्त नहीं हैं
-लेकिन यह कॉरपस फंड एक रिवॉल्विंग फंड है
-इस फंड से पहले उन मकानों का काम पूरा किया जाएगा, जिनका कम काम बाकी है
-निर्माण पूरा होने के बाद मकान देने के बदले आवेदक से जो राशि प्राप्त होगी
-वह राशि वापस इस फंड में डाल दी जाएगी
-इस राशि से अन्य अधूरे मकानों का निर्माण पूरा किया जाएगा
-मकान पूरा होने के बाद भी संबंधित आवेदक शेष राशि नहीं कराता है जमा
-तो मकान का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा
-ऐसे सभी मकानों के आवंटन के लिए निकाय की ओर से नए सिर से आवेदन मांगे जाएंगे