डीडवाना: जिले में लंबे समय बाद मानसून के सक्रिय होने से लोगों को जहां गर्मी से राहत मिली है. वहीं अच्छी बारिश के बाद खेतों में रौनक लौट आई है. किसानो ने कृषि यंत्रो की पूजा कर और अच्छी फसल का वरदान मांग कर खेतों में हल से जुताई और बुवाई का काम शुरू कर दिया है.
वहीं किसानो ने अपने इष्टदेव तेजाजी महाराज का नाम लेकर स्यावड़ भी मनाई है. जिसके बाद खेतों में अब ट्रैक्टरों की आवाज़ें गूंज रही है. दूसरी ओर खाद बीज की दुकानों पर भी किसानो की खासी चहल पहल देखी जा रही है. किसानो के अनुसार खरीफ फसलो की बुवाई का अनुकूल समय जून माह से 15 जुलाई तक माना जाता है.
इस दरमियान बारिश होने से किसानो मे खुशी देखी जा रही है. किसान पहले के समय मे हल और बैल के द्वारा खेती का काम करते थे, लेकिन अब मशीनी युग मे खेती मे किसान ट्रेक्टर द्वारा खेतो मे जूताई व बुवाई का करते है. इससे पहले किसान खेत मे फसल की बिजाई से पहले कृषि यंत्रों की पूजा कर के किसानो के इष्टदेव तेजाजी का नाम लेकर स्यावड़ मनाते है और अच्छी फसल का वरदान मागते है.
उन्होंने बताया कि बारिश के बाद मक्का, ज्वार, बाजरा, ग्वार, मूंग-मोठ, चवला, तिल, मूंगफली सहित चौमासा की फसलो की बुवाई का काम शुरू कर दिया गया है. पहली बारिश अच्छी होने से खेतो की तह तक नमी पहुच गई है. नमी ठीक होने के कारण पौधा स्वस्थ और समय पर अंकूरित हो सकेगा. इसका लाभ फसलों को मिलेगा और अच्छी पैदावार होगी.