जयपुरः गोसेवा और संरक्षण का केंद्र रही हिंगोनिया गोशाला जल्द ही एक अनूठे अनुभव का स्थल बनने जा रही है. यहां ‘काउ सफारी’ की शुरुआत की जा रही है, जिसमें देशभर की करीब 17 देसी नस्लों की गायों को एक साथ देखा जा सकेगा. फिलहाल सफारी में राजस्थान और गुजरात की 7 प्रमुख नस्लों, थारपारकर, कांकरेज, सांचोरी, मेवाती, नागौरी, राठी और गिर को शामिल किया गया है. बाद में अन्य राज्यों से भी देसी गायें मंगाई जाएंगी.
हिंगोनिया गौ शाला में शूरू होगी पहली काउ सफारी
देशभर की करीब 17 देसी नस्लों की गायों को देखा जाएगा एक साथ
राजस्थान और गुजरात की नस्ल की गाये पहले चरण में शामिल
फिलहाल थारपारकर, कांकरेज, सांचोरी, मेवाती, नागौरी, राठी और गिर नस्ल की गायें होंगी आकर्षण
इसके बाद अगले चरण में काउ सफारी में शामिल होंगी अन्य राज्यों की देसी गायें
काउ सफारी में बैलगाड़ी के जरिए गौ परिक्रमा भी
राजधानी में लेपर्ड सफारी के बाद जल्द काऊ सफारी की शुरुआत होने जा रही है. जयपुर के हिंगोनिया गोशाला में राजस्थान में पाए जाने वाली देसी नस्लों की गायों को संरक्षण भी दिया जाएगा. साथ ही देशभर में पाई जाने वाली सभी नस्लों की गायों की जानकारी देते बैलगाड़ी के जरिए गौ परिक्रमा भी कराई जाएगी. गोशाला परिसर में ‘गो परिक्रमा’ की विशेष व्यवस्था की जा रही है, जिसमें युवा पैदल और वरिष्ठ नागरिक बैलगाड़ी में सवार होकर गायों के दर्शन कर सकेंगे. सफारी क्षेत्र को इस तरह डिजाइन किया गया है कि घने हरियाली वाले जंगल में गायें प्राकृतिक रूप से विचरण करती नजर आएंगी. श्रद्धालु इन गायों के निकट जाकर उनकी विविधता को अनुभव कर सकेंगे. ऐसे में गायों की देखभाल के साथ लोग गोसेवा भी कर सकेंगे.
गायों के संरक्षण को देखते हुए काउ सफारी
युवा पीढी करीब से देख सकेंगी विभिन्न प्रकार की नस्लों की गायों को
वर्ष 2022 से काउ सफारी के प्रोजेक्ट पर चल रहा कार्य अब होगा पूरा
पर्यटकों को एक ही स्थान पर विभिन्न देसी नस्लों की गाय देखने को मिलेगी
गाय के दूध से तैयार दही और देसी घी में बने व्यंजनों का स्वाद भी चखने को मिलेगा
ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने बताया कि राजस्थान में पाए जाने वाली सभी नस्लों की गायों को संरक्षण देने के लिए यहां हिंगोनिया गोशाला में काऊ सफारी तैयार की जा रही है. यहां लोग न सिर्फ गाय माता की सेवा कर पाएंगे, बल्कि प्रदेश और देश भर में पाए जाने वाली गायों की विभिन्न नस्लों के बारे में जान पाएंगे. इसके साथ ही यहां एक परिक्रमा पथ भी बनाया जा रहा है.वर्ष 2022 में हिंगोनिया गोशाला में जिस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया था, अब जल्द उसे मूर्त रूप लेगा. भारतीय गोवंश की विभिन्न नस्लों को लोग जान सकें, इस उद्देश्य से हिंगोनिया गोशाला में काऊ सफारी तैयार की जा रही है. जहां थारपारकर, कांकरेज, सांचोरी, मेवाती, गिर, नागोरी, राठी जैसी राजस्थानी नस्लों की गायों को संरक्षण दिया जाएगा. यहां पर्यटकों को एक ही स्थान पर राजस्थान के विभिन्न देसी नस्लों की गाय देखने को मिलेगी. इसके साथ ही गाय के दूध से तैयार दही और देसी घी में बने व्यंजनों का स्वाद भी चखने को मिलेगा.
हिंगोनिया गोशाला में जल्द ही काउ सफारी देखने को मिलेगी अब देखने वाली बात ये होगी काउ सफारी को आमजनता कितना पंसद करती है.