Ajmer 92 Story ने मचाया बवाल, सच्ची घटना पर आधारित फिल्म को बैन करने की उठी मांग

मुंबई : सुदीप्तो सेन की फिल्म द केरल स्टोरी को लेकर विवाद का सिलसिला अभी थमा भी नहीं है कि अब ऐसी ही एक और फिल्म अजमेर 92 (Ajmer 92) चारों तरफ बवाल मचा दी नजर आ रही है. इस फिल्म में सालों पहले सौ से ज्यादा लड़कियों के साथ हुए गैंगरेप और ब्लैकमेल की कहानी को बताया जा रहा है और यह भी कहा जा रहा है कि यह सच्ची घटना पर आधारित है. 

इस फिल्म का जो पोस्टर सामने आया है उसमें अखबार के कुछ टुकड़े दिखाई दे रहे हैं. जिस पर जो लाइनें लिखी हुई है वह किसी का भी दिल दहला सकती है. क्योंकि यह अलग-अलग अखबारों के पन्नों पर छपी हेडलाइंस हैं, जो देश में ही बड़ी-बड़ी रेप की घटनाओं और क्रूरता की कहानी को बयां कर रही है.

Ajmer 92 trailer

स्कूल और कॉलेज की लड़कियों के साथ हुई इस हैवानियत की कहानी पर बनाई गई अजमेर 92 का अजमेर में प्रदर्शन शुरू हो चुका है. जानकारी के मुताबिक इस घटना के अधिकांश आरोपी मुस्लिम समुदाय के थे और कई लड़कियों की जान चले जाने के साथ ही कुछ परिवार गायब हो गए थे. फिल्म को बैन करने की मांग की जा रही है और बताया जा रहा है कि यह समाज में नफरत फैलाने का काम करेगी.

यह फिल्म अगले महीने 14 जुलाई को रिलीज होने वाली है और इसके बारे में जो जानकारी सामने आई है उसमें बताया गया है कि 1992 में अजमेर दरगाह के खादिम फारूक चिश्ती को 100 लड़कियों से रेप करने का दोषी पाया गया था. लेकिन लोगों का कहना है कि इसमें 300 लड़कियों को शिकार बनाया गया था और यह भारत का सबसे बड़ा रेप कांड है. इसे अजमेर दरगाह कांड 1992 के नाम से पहचाना जाता है. यह मामला रसूख और राजनीतिक पहुंच के चलते दब गया लेकिन अब सिनेमा के जरिए एक बार फिर जनता की अदालत में पहुंचेगा और लोगों को देश में हुई एक अपराधिक घटना की जानकारी मिलेगी.