अलवर: बहुचर्चित रकबर मॉब लिंचिंग मामले में ADJ कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने इस मामले में चार आरोपियों को दोषी माना है जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया है. पांच साल पहले कथित गौरक्षकों ने रकबर की पीट-पीटकर जान ली थी.
मॉब लिंचिंग की घटना 20 जुलाई, 2018 की रात को हुई थी. इस दौरान असलम और रकबर गायों के साथ भरतपुर जिले में अपने गांव जा रहे थे. तभी रामगढ़ तहसील के लालवंडी गांव में धर्मेंद, परमजीत और विजय ने उन्हें रोक लिया. खुद को गौ रक्षक बताने वाले इन लोगों ने दोनों युवकों के साथ मारपीट शुरू कर दी.
मामले में 67 गवाहों के बयान कराए गए:
हालांकि इस दौरान असलम किसी तरह से भाग गया. जिसके बाद रकबर को बेरहमी से पीटा जिससे उसकी मौत हो गई. जांच में नवल किशोर को भी शामिल किया गया, जिसको कोर्ट ने बरी कर दिया. वहीं कोर्ट ने IPC की धारा 304 और 341 में परमजीत, धर्मेंद्र, नरेश और विजय को दोषी माना है. सभी चारों दोषियों को कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई है. ADJ प्रथम सुनील कुमार गोयल ने इस मामले में फैसला सुनाया है. मामले में 67 गवाहों के बयान कराए गए हैं. दस्तावेजी साक्ष्य 129 पेज के पेश किए गए हैं.