America की पाकिस्तान से मांग, आतंकवादी समूहों के खिलाफ हो सख्ती

वाशिंगटन : अमेरिकी विदेश विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि वाशिंगटन लगातार पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे सभी आतंकवादी समूहों को स्थायी रूप से नेस्तनाबूद करने के लिए कदम उठाने का आह्वान करता आया है.

आतंकवाद के साझा खतरों से लड़ने के लिए इस्लामाबाद के साथ मिलकर काम करना जारी:

विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका इस मुद्दे को पाकिस्तानी अधिकारियों के समक्ष नियमित रूप से उठाएगा और आतंकवाद के साझा खतरों से लड़ने के लिए इस्लामाबाद के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि हम लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे सभी आतंकवादी समूहों तथा उनके विभिन्न मुखौटा संगठनों को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए पाकिस्तान द्वारा उचित कदम उठाने के महत्व के बारे में लगातार बात कर रहे हैं.

पाकिस्तानी अधिकारियों के समक्ष नियमित रूप से उठाएंगे मुद्दा: 

मिलर ने कहा कि हम पाकिस्तानी अधिकारियों के समक्ष नियमित रूप से यह मुद्दा उठाएंगे और आतंकवाद के साझा खतरों से निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे, जैसा कि हमने मार्च 2023 के सीटी संवाद के दौरान चर्चा की थी. मिलर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा के दौरान यहां भारत-अमेरिका द्वारा जारी संयुक्त बयान से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान:

संयुक्त बयान में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी ने अल-कायदा, आईएसआईएस/दाएश, लश्कर ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन सहित, संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान दोहराया था. दोनों नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की थी और पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया था कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों के लिए न किया जाए.

मिलर ने भारत की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करने से किया इनकार:

मिलर ने भारत में अल्पसंख्यक अधिकारों के बारे में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बयान को लेकर भारत की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. ओबामा ने पिछले बृहस्पतिवार को सीएनएन के साथ साक्षात्कार में कथित तौर पर कहा था कि अगर भारत ‘जातीय अल्पसंख्यकों’ के अधिकारों की रक्षा नहीं करता है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि किसी बिंदु पर देश बिखरना शुरू हो जाएगा.

ओबामा के बयान की निंदा:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य वरिष्ठ भारतीय नेताओं ने ओबामा के बयान की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि ओबामा को इस बारे में भी सोचना चाहिए कि (अमरेकी राष्ट्रपति के तौर पर) उन्होंने कितने मुस्लिम देशों पर हमला किया था. एक अन्य सवाल के जवाब में मिलर ने कहा कि हम भारतीय अधिकारियों के साथ बातचीत में नियमित रूप से मानवाधिकारों के बारे में चिंताएं उठाते हैं. और आपने देखा कि राष्ट्रपति बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में खुद इस बारे में बात की थी. सोर्स भाषा