गृहमंत्री अमित शाह का जोधपुर दौरा, बोले- प्रभु ने दिव्यांग को छिपी हुई शक्ति दी, पिछले 3 पैरा ओलंपिक में 52 मेडल देश को मिले

जोधपुर: गृहमंत्री अमित शाह जोधपुर दौरे पर है. जहां श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नवीन भवनों का शिलान्यास समारोह आयोजित हुआ. समारोह में गृह मंत्री अमित शाह ने संबोधित करते हुए कहा कि मुझे पहले यह मालूम नहीं था कि कितने बड़े काम में शामिल होने जा रहा हूं. कितनी बड़ी शख्सियत से मिलने जा रहा हूं ? मैंने शायद बहुत ज्यादा देर कर दी इस संस्थान में आने में. मुझे यहां बहुत पहले आना चाहिए था. 

मैंने यह देखा है जब जीवन में दुख आता है. तो उनके जीवन में नकारात्मक पन आ जाता है. लेकिन जिस तरह से सुशीला जी का जीवन भाव है. युवा अवस्था में अपने पति को खोने के बाद लाखों लोगों के जीवन में उजाला लाने का काम किया है. 60 साल से सेवाकाल में हजारों लोगों को जीने की प्रेरणा ही नहीं दी बल्कि उनके जीवन ने अनेक लोगों को प्रेरित किया है. 

समाज के सामने कई चुनौतियांः
प्रभु ने दिव्यांग को छिपी हुई शक्ति दी है. उसे निखारकर जो दिव्यांगजनों को जीवन जीने की कला दी है. वास्तव में अपरिकल्पनीय है. मुझे पूरा विश्वास है कि आज जो काम शुरू हुआ है वह समय पर पूरा होगा. इससे सैकड़ों बच्चों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा. सुशीला बोहरा जी ने मेरे जन्म से पहले ही सेवा कार्य शुरू कर दिया था. इससे कई दिव्यांगजनों ने उच्च स्थान हासिल किया है. समाज के सामने कई चुनौतियां हैं. दिव्यांग बच्चों के जीवन में जो चुनौतियां हैं उन्हें दूर करने के लिए बहुत कुछ करना बाकी है. इस तरह से जो छोटे छोटे प्रयोग होते हैं तो निश्चित रूप से बदलवा आता है.  

दिव्यांग खिलाड़ियों ने पैरा ओलंपिक में अपनी योग्यता दिखाईः
राजस्थान का यह पहला नेत्रहीन महाविद्यालय बना है. मोदी ने 2015 में पहली बार पूरे देश में विकलांग की जगह दिव्यांग शब्द बोलना शुरू किया. इससे पूरे देश में दिव्यांगजन को देखने का नजरिया बदल दिया है. यह शब्द नई पहचान और आत्मनिर्भरता जगाने का काम करता है. अमित शाह ने देवेंद्र झाझड़िया का उदाहरण दिया. जिन्होंने देश के लिए गोल्ड जीतकर देश का मान-सम्मान बढ़ाया. कई दिव्यांग खिलाड़ियों ने पैरा ओलंपिक में अपनी योग्यता दिखाई. पिछले 3 पैरा ओलंपिक में 52 मेडल देश को मिले. यदि सरकार, समाज सभी मिलकर काम करे तो हर लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है.