अन्नकूट और गोवर्धन पूजा आज, आयुष्मान एवं सौभाग्य योग में होगी गोवर्धन पूजा, जानिए पूजा मुहूर्त, विधि और महत्व

अन्नकूट और गोवर्धन पूजा आज, आयुष्मान एवं सौभाग्य योग में होगी गोवर्धन पूजा, जानिए पूजा मुहूर्त, विधि और महत्व

जयपुर: हर साल दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है.अन्नकूट व गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा.गोवर्धन पूजा के दिन आयुष्मान एवं सौभाग्य योग बन रहा है.ज्योतिष शास्त्र में यह योग अत्यंत शुभ एवं लाभकारी बताए गए हैं.मान्यता है कि इन योग में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर  के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 1 नवंबर 2024 को सायं 06:16 मिनट से हो रहा है, और इसका समापन अगले दिन 2 नवंबर को रात 08:21 मिनट पर होगा.

ऐसे में उदयातिथि के आधार पर गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा.कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है.यह पर्व दीपावली के अगले दिन आता है.गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है.इस दिन गोवर्धन पर्वत, भगवान श्री कृष्ण और गौ माता की पूजा की जाती है.इस दिन लोग घर की आंगन में या घर के बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाते हैं और पूजा करते हैं.साथ ही इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी किया जाता है.इस त्योहार में भगवान कृष्ण के साथ गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है.इसी दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग बनाकर लगाया जाता है. दीपावली के अगले दिन राजा बली पर भगवान विष्णु की विजय का उत्सव है.ऋग्वेद में उल्लेख है कि भगवान विष्णु ने वामन रूप धरकर तीन पदों में सारी सृष्टि को नाप लिया था.श्रीकृष्ण ने इसी दिन देवेंद्र के मानमर्दन के लिए गोवर्धन को धारण किया था.शहर में स्थान-स्थान जगह-जगह नवधान्य के बने हुए पर्वत शिखरों का भोग अन्नकूट प्रसाद के रूप में वितरित जाएगा.

गोवर्धन पूजा 
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 1 नवंबर 2024 को सायं 06:16 मिनट से हो रहा है, और इसका समापन अगले दिन 2 नवंबर को रात 08:21 मिनट पर होगा.ऐसे में उदयातिथि के आधार पर गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा.

आयुष्मान एवं सौभाग्य योग
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि गोवर्धन पूजा के दिन आयुष्मान एवं सौभाग्य योग बन रहा है.ज्योतिष शास्त्र में यह योग अत्यंत शुभ एवं लाभकारी बताए गए हैं.मान्यता है कि इन योग में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.आयुष्मान योग सुबह 11:19 तक रहेगा उसके बाद सौभाग्य योग प्रारंभ होगा.

गोवर्धन पूजा मुहूर्त 
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 2 नवंबर 2024 को गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: काल 6 बजे से लेकर 8 बजे तक है.इसके बाद दोपहर में 03:23 मिनट से लेकर 05:35 मिनट के बीच भी पूजा की जा सकती है.

पूजा विधि 
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन देवता की प्रतिमा बनाई जाती है.उन्हें पुष्पों से सजाया जाता है.पूजन के दौरान देवता को दीपक, फूल, फल, दीप और प्रसाद अर्पित करें.गोवर्धन देवता को शयन मुद्रा में बनाया जाता है.उनकी नाभि के स्थान पर मिट्टी का दीपक रखा जाता है.पूजा के बाद सात बार परिक्रमा की जाती है.परिक्रमा के समय लोटे से जल गिराते हुए और जौ बोते हुए परिक्रमा करना चाहिए.

महत्व
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण द्वारा ही सर्वप्रथम गोवर्धन पूजा आरंभ करवाई गई थी.श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत तो अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रज वासियों और पशु-पक्षियों की रक्षा की थी.यही कारण है कि गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ कृष्ण जी के पूजन का भी विधान है.इस दिन अन्नकूट का विशेष महत्व माना जाता है.