जयपुरः पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विशेष सक्रियता की इन दिनों प्रदेश की राजनीति में बड़ी चर्चा है. कभी वागड़ का दौरा करते हैं, तो कभी जोधपुर का . कभी ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो कभी सड़क मार्ग से. अब गहलोत का फोकस है पूर्वी राजस्थान पर . शुक्रवार को हिंडौन के बाढ में एक मूर्ति अनावरण समारोह में गए गहलोत ने रास्ते भर में कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके पूर्वी राजस्थान की नब्ज टटोली.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले साल अस्वस्थता के चलते प्रदेश में कम सक्रिय दिखे, लेकिन इन साल उनके ताबड़तोड़ दौरे चल रहे हैं. अब उनका फोसक पूर्वी राजस्थान पर है. शुक्रवार को हिंडौनसिटी के बाढ करसौली पहुंचे, जहां उन्होंने ज्योतिबा फुले एवं सावित्रीबाई फुले की मूर्ति का अनावरण किया. यह कार्यक्रम तो सामाजिक था, लेकिन इस दौरे के बहाने गहलोत ने पूर्वी राजस्थान की राजनीतिक नब्ज टटोल ली. माना जा रहा है कि ये दौरे महज राजनीतिक ही नहीं बल्कि रणनीतिक भी है.
अशोक गहलोत के प्रदेश में हो रहे रणनीतिक दौरे
पिछले साल स्लिप डिस्क एवं गाल ब्लैडर ऑपरेशन के कारण ज्यादा दौरे नहीं कर पाए थे
लेकिन इस साल बड़ी सक्रियता से ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं अशोक गहलोत
जोधपुर, भरतपुर, बाड़मेर, उदयपुर, चित्तोडगढ़, प्रतापगढ़ के दौरे कर चुके गहलोत
अब पूर्वी राजस्थान पर फोकस कर लिया है अशोक गहलोत ने
दौसा, सिंकदरा व हिंडौनसिटी में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की
जयपुर से रवाना होते हुए स्वागत का सिलसिला शुरू हुआ
हिंडौन तक करीब 50 जगह स्वागत किया गया अशोक गहलोत का
अशोक गहलोत न केवल प्रदेश के दौरों पर लगातार निकल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया के माध्यम से कई अहम मुद्दों को भी उठा रहे हैं. सूत्रों की माने तो गहलोत अगले कुछ दिनों में फिर से पूर्वी राजस्थान के कार्यक्रम बना सकते हैं. साथ ही वागड़ क्षेत्र की नब्ज टटोलने के लिए भी रणनीति बननी शुरू हो गई है.