जयपुर: ज्योतिष शास्त्र अनुसार ग्रह एक निश्चित समय अंतराल पर दूसरे ग्रहों के साथ युति बनाते हैं. जिसका असर मानव जीवन और देश- दुनिया पर देखने को मिलता है. गुरु ग्रह मीन राशि में संचरण कर रहे हैं और शुक्र ग्रह 15 फरवरी को मीन राशि में प्रवेश कर चुके हैं. जिससे 12 साल बाद मीन राशि में शुक्र और गुरु ग्रह की युति बनेगी. गुरु ग्रह समृद्धि, उन्नति और शिक्षा के कारक हैं तो वहीं शुक्र ग्रह धन, वैभव, ऐश्वर्य, भौतिक सुख के कारक हैं. इसलिए इस युति का असर सभी राशियों के लोगों पर पड़ेगा.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 15 फरवरी से 12 मार्च तक गुरु शुक्र की युति मीन राशि में रहने वाली है. इस समय ग्रह गोचर में गुरु पाप कर्तरी योग में पीड़ित है. गुरु के ठीक पीछे शनि कुम्भ राशि में वहीं उनके आगे राहु मेष राशि में विराजमान है. 15 फरवरी को शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में आ गए हैं और इस राशि में 12 मार्च तक रहेगा. इस ग्रह का प्रभाव इनकम, खर्चा, शारीरिक सुख-सुविधाएं, शौक और भोग-विलास पर होता है. इस ग्रह के कारण विवाह, पत्नी, अपोजिट जेंडर और यौन सुख संबंधी मामलों में शुभ-अशुभ बदलाव देखने को मिलते हैं. शरीर में शुक्र का प्रभाव प्राइवेट पार्ट्स पर पड़ता है. इसके अशुभ प्रभाव से खांसी और कमर के निचले हिस्सों में बीमारी होती है. इस ग्रह की अच्छी स्थिति होने से जीवन में कई सुख-सुविधाएं मिलती हैं. वैवाहिक जीवन में भी इसका असर पड़ता है. कुंडली में शुक्र मजबूत हालत में हो तो दांपत्य जीवन सुखद रहता है. वहीं, कमजोर होने से वैवाहिक जीवन को खराब हो सकता है. इस ग्रह की चाल बदलने का असर सभी राशियों पर पड़ेगा.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में गुरु और शुक्र दोनों को ही शुभ ग्रह की संज्ञा प्राप्त है. ऐसे में दोनों का महत्व बेहद अधिक है. गुरु जहां देवताओं के आचार्य है वही शुक्र दैत्यों के आचार्य है. लगभग 12 साल बाद गुरु मीन राशि में होते है और उसी मीन राशि में शुक्र उच्च के होते है. ऐसे में जब शुक्र मीन राशि में गुरु के ही साथ युति करते हैं तो ये स्थिति एक दशक के बाद बनती है जो की देश पर व्यापक असर डालती है. गुरु अपनी राशि में विराजमान होकर हंस राजयोग वही शुक्र उच्च राशि में विराजमान होकर मालव्य राजयोग का निर्माण करते हैं. जो भी जातक गुरु शुक्र की युति में जन्म लेता है वो गुणी, वेद पाठी होने के साथ ही साहित्य और कला में भी निपुण होता है. 15 फरवरी से 12 मार्च तक गुरु शुक्र की यह युति मीन राशि में रहने वाली है. इस समय ग्रह गोचर में गुरु पाप कर्तरी योग में पीड़ित है. गुरु के ठीक पीछे शनि कुम्भ राशि में वही उनके आगे राहु मेष राशि में विराजमान है.
बड़ी घटना होने की संभावना:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र गुरु की युति के कारण किसी महिला राजनेता के साथ कोई अनहोनी हो सकती है. किसी बड़े धर्मगुरु आचार्य एक्सपोज़ होंगे. महिलाओं पर हो रहे अत्याचार या कोई बड़े कांड का खुलासा होगा. महिलाओं द्वारा कोई बड़ा आंदोलन होगा. महिला अधिकारों पर बहस हो सकती है. कुंभ राशि में सूर्य शनि की युति के कारण भूकंप आने की प्रबल संभावना. नाक कान गले संबंधित रोग होंगे. सांस, कफ और खांसी की हो सकती है तकलीफ. ओलावृष्टि होगी. फसलों को नुकसान होगा. देश की राजनीति में होगा घमासान. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलेगा. प्राकृतिक आपदा सड़क दुर्घटना और अग्निकांड होगा. पड़ोसी देश मं. उत्तल पुथल होगी. राजनीतिक आर्थिक या जन आंदोलन होगा.
मौसम में होगा अचानक बदलाव:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र के राशि बदलने से खाने की चीजों के दाम सामान्य रहेंगे. सब्जियां, तिलहन और दलहन की कीमतें कम होंगी. देश में कुछ जगहों पर हल्की बारिश से ठंड बढ़ सकती है. सोना-चांदी और कीमती धातुओं में तेजी आ सकती है. दूध से बनी चीजों का उत्पादन बढ़ सकता है. सुख-सुविधाओं की चीजों में बढ़ोत्तरी भी हो सकती है. शुक्र का राशि बदलना देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा. कुंभ राशि में सूर्य शनि की युति के कारण मौसम में होगा बदलाव. बर्फबारी के साथ होगी वर्षा.
8 राशियों को फायदा:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र के राशि बदलने से मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों को अचानक फायदा हो सकता है. किस्मत का साथ मिल सकता है. जॉब और बिजनेस में तरक्की मिल सकती है. सेहत के लिए समय अच्छा रहेगा. सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी. रुका हुआ पैसा मिलने के योग हैं. अपोजिट जेंडर वालों के साथ अच्छा समय बीतेगा. उनसे मदद मिल सकती है. प्रॉपर्टी और आर्थिक मामलों में फायदा मिल सकता है.
कन्या तुला राशि संभलकर और वृश्चिक धनु राशि समय सामान्य:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र के मीन राशि में जाने से कन्या और तुला राशि वालों को नुकसान हो सकता है. लेन-देन और निवेश में संभलकर रहना होगा. कामकाज में अनचाहा बदलाव हो सकता है. अनचाहे खर्चे बढ़ सकते हैं. यात्राएं होंगी. सेहत संबंधी परेशानी हो सकती है. अपोजिट जेंडर वालों से विवाद होने के योग हैं. सुख-सुविधाओं में कमी आ सकती है. दौड़-भाग रहेगी. लव लाइफ या दांपत्य जीवन में उतार-चढ़ाव रहेगा. इनके अलावा वृश्चिक और धनु राशि वालों के लिए समय सामान्य रहेगा.
उपाय:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि मां लक्ष्मी अथवा मां जगदम्बा की पूजा करें. भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें. शुक्रवार का व्रत रखें और उस दिन खटाई न खाएं. चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें. श्री सूक्त का पाठ करें. शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र, दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुएं दान करें. शिव उपासना और हनुमत उपासना करें. मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें. हनुमान चालीसा एवं शनि चालीसा का पाठ करें. गरीब, वृद्ध, असहाय लोगों को भोजन कराएं. पशु पक्षियों के लिए दाने, हरे चारे, पानी की व्यवस्था करें. तेल का दान भी करना चाहिए. तेल दान करने से आपको अपने कष्टों से छुटकारा मिलता है. देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन ॐ भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का एक माला जाप करें. साथ ही भगवान विष्णु को संभव हो तो पीले रंग के फल का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटें. देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू आदि किसी योग्य ब्राह्मण को दान करें और केले के वृक्ष पर जल चढ़ाएं. इसके लिए शिवलिंग पर चने की दाल और पीले फूल चढ़ाएं. बेसन के लड्डू का भोग लगाएं. गुरु ग्रह के मंत्र ऊँ बृं बृहस्पतये नमः का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए. किसी गौशाला में हरी घास दान करें. प्रतिदिन भगवान श्री विष्णु की आराधना के बाद हल्दी और चंदन का तिलक करें.