जयपुरः लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आज से बांदीकुई-जयपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर ट्रायल यातायात शुरू हो गया है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने मंगलवार सुबह 8 बजे से इस एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक संचालन की अनुमति दे दी है. हालांकि, अगले 7 से 10 दिनों तक यह ट्रैफिक परीक्षण के रूप में रहेगा, जिसके दौरान वाहन चालकों से कोई टोल शुल्क नहीं लिया जाएगा.
कुल 1368 करोड़ रुपए की लागत से बने इस लिंक एक्सप्रेसवे की लंबाई 66.916 किलोमीटर है. इसे चार लेन में विकसित किया गया है और यह परियोजना तकनीकी दृष्टि से अत्यंत उन्नत मानी जा रही है. इस परियोजना के अंतर्गत 1 रेलवे ओवरब्रिज (ROB), 2 बड़े पुल (मेजर ब्रिज), 6 इंटरचेंज, 11 वर्टिकल अंडरपास (VUP), 18 स्मॉल वर्टिकल अंडरपास (SVUP) और 13 छोटे पुल (माइनर ब्रिज) बनाए गए हैं.
सीधी और सुगम कनेक्टिविटी:
सिंडोली, खुरी खुर्द, सुंदरपुरा, हीरावाला और बागराना में इंटरचेंज विकसित किए गए हैं, जिससे जयपुर के अलग-अलग हिस्सों से इस लिंक एक्सप्रेसवे पर आसान पहुंच बनती है. इस परियोजना के शुरू होने से जयपुर और उसके आसपास के यात्रियों को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से अब सीधी और सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी. इसके परिणामस्वरूप व्यापार, पर्यटन और परिवहन के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना जताई जा रही है.
हालांकि परियोजना के क्रियान्वयन में एक वर्ष की देरी हुई और कुछ स्थानों पर निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं. कई स्ट्रेच पर डाली गई सड़कें असमान हैं और एक्सप्रेसवे के दोनों ओर बनाई गई सुरक्षा दीवारें दर्जनों जगह से टूटी हुई हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है.
स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी:
इसके अलावा, परियोजना को "बांदीकुई-जयपुर लिंक एक्सप्रेसवे" नाम जरूर दिया गया है, लेकिन बांदीकुई को इससे अपेक्षित लाभ नहीं मिल सका है. श्यामसिंहपुरा में प्रस्तावित इंटरचेंज का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है, जिससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है. उन्होंने इस मुद्दे पर कई बार आंदोलन भी किए, लेकिन NHAI ने अपना वादा पूरा नहीं किया. फिलहाल, बांदीकुई निवासी करीब 20 किलोमीटर दूर भेड़ोली इंटरचेंज से इस एक्सप्रेसवे तक पहुंच पा रहे हैं.
फिर भी, यह लिंक एक्सप्रेसवे जयपुर शहर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई के बीच यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाएगा. उम्मीद की जा रही है कि परीक्षण अवधि के बाद एक्सप्रेसवे पूरी तरह से टोल के साथ आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. NHAI से अपेक्षा है कि वह जल्द ही शेष निर्माण कार्य और सुरक्षा खामियों को दूर करेगा ताकि यह परियोजना अपने उद्देश्य को पूरी तरह से सफल बना सके.