कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि वह उत्तर दिनाजपुर जिले के कलियागंज में एक नाबालिग लड़की की अप्राकृतिक मौत की जांच से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट दो मई तक दाखिल करे. इस मामले को लेकर इस सप्ताह के शुरू में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था.
अदालत ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह लड़की के पिता को पोस्टमार्टम और मामले की जांच रिपोर्ट समेत प्राथमिकी की प्रतियां सौंपे. लड़की के पिता की ओर से मौत की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को हस्तांतरित करने की मांग करने वाली याचिका के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि बच्ची के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी ठीक से सुरक्षित रखी जाए. न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने राज्य पुलिस को निर्देश दिया कि वह घटना की जांच से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख दो मई तक दाखिल करे. याचिकाकर्ता के वकील कृष्णेंदु भट्टाचार्य ने दावा किया कि लड़की का यौन उत्पीड़न किया गया और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई.
भट्टाचार्य ने अनुरोध किया कि जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी जाए, क्योंकि लड़की के माता-पिता को राज्य के अधिकारियों की जांच पर विश्वास नहीं है. राज्य सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि 17 वर्षीय लड़की के 20 अप्रैल को लापता होने की सूचना मिली थी और उसका शव एक दिन बाद एक तालाब के पास पाया गया था. राज्य के वकील ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसके शव पर यौन हमले का कोई चिह्न नहीं मिला है. इस घटना के विरोध में कलियागंज में 25 अप्रैल को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था. भाषा