VIDEO: राजस्थान परिवहन विभाग का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, राजस्व संग्रहण में हुआ 1300 करोड़ का इजाफा, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुरः वित्तीय वर्ष के आख़िरी दिन परिवहन विभाग ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. परिवहन विभाग ने राजस्व संग्रहण में 6 हज़ार के जादुई आँकड़े को छू लिया है. राजस्व संग्रहण में विभाग का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. परिवहन विभाग राजस्व के लिहाज़ से सरकार के महत्वपूर्ण विभागों में से एक है,लेकिन बीते 2,3 सालों से कोरोना और अन्य चुनौतियों के कारण विभाग को उम्मीद के मुताबिक़ राजस्व नहीं मिला था,लेकिन इस वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग ने उम्मीद से बढ़कर काम किया है. परिवहन विभाग का राजस्व संग्रहण 6 हज़ार करोड़ के पार चला गया है. 

परिवहन विभाग ने पहली बार 6 हज़ार करोड़ के आँकड़े को छुआ है. ख़ास बात यह है कि इस वित्तीय वर्ष में विभाग के राजस्व संग्रहण में 1300 करोड़ का इज़ाफ़ा हुआ है,पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग को 4758 करोड़ का राजस्व मिला था,इस आँकड़े से समझा  जा सकता है कि इस वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने पूरे मनोयोग से काम किया है. विभाग के लिए इस वित्तीय वर्ष में एक अच्छी बात यह रही है इस वित्तीय वर्ष में वाहनों की रिकार्ड बिक्री हुई जिससे वन टाईम टैक्स की रूप में विभाग को अच्छा राजस्व मिला.

राजस्व संग्रहण में अच्छे प्रदर्शन के लिए परिवहन  आयुक्त के एल स्वामी ने RTO और DTO अधिकारियों की दर्जनों समीक्षा बैठकें ली. आयुक्त ने कमजोर प्रदर्शन वाले अधिकारियों को लगातार निर्देश दिए.  प्रमुख सचिव परिवहन आनंद कुमार ने भी समय समय पर समीक्षा बैठक लेकर अहम रोल अदा किया. परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला की ओर से भी विभाग के अधिकारियों को पूरा फ़्री हैंड मिला. परिवहन विभाग के सामने इस वित्तीय वर्ष में राजस्व संग्रहण में कई चुनौतियाँ भी थी. विभाग में इससे पहले बॉर्डर चेक पोस्टों का राजस्व संग्रहण में बड़ा योगदान रहता था इनके बंद होने से भी विभाग के राजस्व अभियान पर असर पड़ा लेकिन विभाग ने इस तरह की कई चुनौतियों से पार पाते हुए एक नया आयाम स्थापित किया है. 

कई चुनौतियों का किया सामनाः
1- बॉर्डर चेक पोस्ट बंद होने से राजस्व संग्रहण कम होने की आशंका थी जो सही साबित भी हुई
2- विभाग के पास वित्तीय वर्ष के आख़िरी महत्वपूर्ण महीनों में स्थाई वित्तीय सलाहकार नहीं था
3- विभाग के पास अधिकारियों की भारी कमी थी,,,अंतिम महीनों में क़रीब एक दर्जन DTO का चार्ज परिवहन निरीक्षकों को देना पड़ा
4- परिवहन विभाग में उप निरीक्षकों की संख्या ना के बराबर थी
5- सरकार से विभिन्न तरह की छूटों के कारण विभाग का रेवेन्यू क़रीब 30 करोड़ कम हुआ