लखनऊ: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इंडी गठबंधन और तृणमूल कांग्रेस ने तुष्टीकरण की सभी पराकाष्ठाएं पार कर पिछड़े वर्ग के आरक्षण का हक मुस्लिम जातियों को देने का महापाप किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के हाईकमान परिवारवाद के प्रतीक हैं, जिन्होंने केवल परिवारजनों की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के सपनों को छीना है.
भजनलाल उत्तरप्रदेश के लखनऊ स्थित बीजेपी कार्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 118 मुस्लिम जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल कर इन्हें असंवैधानिक रूप से आरक्षण देने का महापाप किया है. कलकत्ता हाइकोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए 2010 से 2024 तक मुसलमानों को जारी सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया है.
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी इस निर्णय को मानने से इन्कार कर लोकतंत्र और न्यायिक व्यवस्था की गरिमा को धूमिल करने का काम कर रही है. उनकी इस अराजकतावादी राजनीति का जवाब पश्चिम बंगाल की जनता लोकसभा चुनाव में दे रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक में भी पिछडे़ वर्ग के आरक्षण में मुस्लिम जातियों को शामिल कर संविधान का अपमान किया है.
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के युवराज राहुल गांधी और अखिलेश यादव 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में गठबंधन कर मैदान में उतरे थे. जैसे ही नतीजे आए उन्होंने हथियार डाल दिए. इन लोकसभा चुनावों में भी इतिहास फिर दोहराया जाएगा और कांग्रेस के युवराज और समाजवादी प्रमुख को करारी हार मिलेगी.
उन्होंने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में सभी क्षेत्रों के परिर्वतन आने के साथ ही राजनेताओं के व्यवहार में भी बड़ा बदलाव आया है. अब नेता कुर्ते के उपर जनेऊ पहनने और मंदिर जाने लग गए हैं. उत्तर प्रदेश की जनता लोकसभा चुनावों में मोदी-योगी के कार्यों पर ही मुहर लगा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने स्वीकारा है कि कैसे उनकी दादी और पिता ने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में संविधान को बदलकर इसकी मूल भावना की धज्जियां उड़ायीं. कांग्रेस का काला सच उनके नेता के मुंह से ही निकल गया है. भजनलाल ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर को कांग्रेस ने अपमानित और बीजेपी ने सम्मानित करने का कार्य किया है.
वे जब कांग्रेस में शामिल थे तो पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इन्कार कर दिया. चुनाव लड़ा तो कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर को हराने का प्रयास भी किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ही उन्हें मान और सम्मान देने का कार्य किया है.