भरतपुर: माली समाज के लोगों ने 12 प्रतिशत पृथक आरक्षण की अपनी मांग को लेकर शुक्रवार को भरतपुर में प्रमुख जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया. रातभर लोग हाईवे पर पत्थर डालकर लाठियां लिए बैठे रहे. देर रात संभागीय आयुक्त ने शुक्रवार रात 12 बजे से शनिवार रात 12 बजे तक 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद करने के आदेश जारी कर दिए. आदेश के बाद नदबई, वैर और भुसावर में मोबाइल इंटरनेट बंद हो गया है.
12 परसेंट आरक्षण की मांग को लेकर माली, कुशवाह, मौर्य समाज के लोगों ने पुलिस दलों पर पथराव किया जिसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. एक बयान के अनुसार, समुदाय के सदस्यों ने जयपुर में सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. माली समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अंतर्गत आता है और वे अब अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार को राजमार्ग अवरुद्ध करने की घोषणा पहले ही कर दी थी.
पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े:
आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने राजमार्ग से जुड़े बल्लभगढ़, हलैना, वैर, अरौंदा, रमासपुर गांवों की सड़कों को सुबह से ही अवरुद्ध कर दिया, ताकि आंदोलनकारी राजमार्ग तक न पहुंच सकें. हालांकि, कई लोगों ने हंगामा किया और पुलिस पर पथराव किया और पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े. जिला पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया. आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने बताया कि वहीं शाम को बेकाबू भीड़ ने राजमार्ग जाम कर दिया. स्थिति पर नजर रखने के लिए एसपी श्याम सिंह समेत अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद हैं.
सरकार को इस मुद्दे को हल करना चाहिए:
नदबई के विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना ने ‘‘प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग करने के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई’’ की मांग की और कहा कि सरकार को इस मुद्दे को हल करना चाहिए. अवाना ने कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा के दौरान माली समुदाय के लिए आरक्षण की मांग का समर्थन किया था. गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी माली समुदाय से आते हैं.
शुक्रवार को अंबेडकर भवन स्थित निदेशालय के सभागार में समाज के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की गई:
एक बयान के अनुसार, जयपुर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक हरिमोहन मीना की अध्यक्षता में शुक्रवार को अंबेडकर भवन स्थित निदेशालय के सभागार में सैनी, माली और कुशवाह समाज के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की गई. सरकारी बयान के अनुसार, बैठक में सैनी समाज के प्रतिनिधियों द्वारा 12 प्रतिशत आरक्षण, अलग से लव कुश कल्याण बोर्ड के गठन, समाज के बच्चों के लिए छात्रावास सुविधा आदि की मांग की गई. सैनी भी माली समुदाय से आते हैं. बयान के अनुसार, मीना ने बैठक में शामिल समुदाय के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को ऊपर तक पहुंचा दिया जाएगा.