जयपुरः भील प्रदेश की मांग के पीछे तथ्य की बात करें तो 4 राज्यों के करीब 49 जिलों को मिलाकर भील प्रदेश को मान्यता दी जाए. इन भील आदिवासी बहुल जिलों में गुजरात के 16, राजस्थान के 10, मध्य प्रदेश के 7 और महाराष्ट्र के 6 जिलों को शामिल किया जाए.
राजस्थान के जिले-बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, उदयपुर, झालावाड़, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, पाली को शामिल किया जाए. मध्यप्रदेश के जिले-इंदौर, गुना, शिवपुरी, मंदसौर, नीमच, रतलाम, धार, देवास, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर को शामिल किया जाए.
गुजरात के जिले-अरवल्ली, महीसागर, दाहोद, पंचमहल, सूरत, बड़ोदरा, तापी, नवसारी, छोटा उदेपुर, नर्मदा, साबरकांठा, बनासकांठा, भरूच, वलसाड़ और महाराष्ट्र के जिले-नासिक, ठाणे, जलगांव, धुले, पालघर, नंदुरबार को शामिल किया जाए.