जयपुर: राजस्थान में सत्ता गंवाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कद कांग्रेस में बढ़ा दिया गया है. कांग्रेस आलाकमान ने नेशनल अलायन्स कमेटी का गठन करके पूर्व सीएम अशोक गहलोत को नई जिम्मेदारी सौंप दी है. अशोक गहलोत अब लोकसभा चुनाव 2024 में अहम भूमिका निभाएंगे. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अशोक गहलोत पर अपना विश्वास जताते हुए बड़ी जिम्मेदारी दी है. खरगे ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दूसरे दलों से अलायंस करने के लिए एक कमेटी नेशनल अलायंस कमेटी का गठन किया है.
इस 5 सदस्यीय कमेटी में अशोक गहलोत, मोहन प्रकाश, भूपेश बघेल, मुकुल वासनिक और सलमान खुर्शीद को रखा गया है. इस कमेटी की जिम्मेदारी है कि वह सहयोगी दलों से सीट बंटवारे पर वार्ता करेगी. इन दिग्गज नेताओं को इस कमेटी में शामिल करने का कांग्रेस पार्टी का लक्ष्य अगले साल होने वाले आम चुनाव में अपने वरिष्ठ नेताओं के तजुर्बे का इस्तेमाल करना है. अशोक गहलोत और भूपेश बघेल को ऐसे समय में कमेटी में शामिल किया गया है जब हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार का सामना करना पड़ा है. दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी. बीजेपी ने यहां बड़ी जीत हासिल की है. कांग्रेस की हार के बाद से ही दोनों नेताओं अशोक गहलोत और भूपेश बघेल को राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका दिए जाने की चर्चा थी.
दिल्ली में विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक हुई है. इस बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा भी हुई. विपक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती यूपी, पंजाब, दिल्ली, केरल और पश्चिम बंगाल में सीटों का बंटवारा करना है. ऐसे में कांग्रेस ने कमेटी गठित की है. अशोक गहलोत को सभी राज्यो का राजनीतिक मिजाज पता है और अन्य दलों के नेताओ के साथ उनका सहज व्यवहार है. ऐसे में उनको अन्य दलों के नेताओ से लगातार संर्पक रखने का जिम्मा दिया गया है.
इस बीच अशोक गहलोत ने कहा कि मुझे हारने का जितना दुख नहीं है उतना मुझे इस देश की चिंता है कि देश में क्या हो रहा है. हार-जीत तो होती है, मैंने राजस्थान में अपना फर्ज़ पूरा किया. देश में जो हो रहा है उसपर लोगों को चिंतित होना चाहिए. यह बयान यह भी इशारा कर रहा है कि अब अशोक गहलोत राष्ट्रीय राजनीति का हिस्सा बनेंगे. कांग्रेस पार्टी के फैसले से यह साफ जाहिर हो गया है कि राजस्थान विधानसभा में अशोक गहलोत नेता प्रतिपक्ष नहीं बनेंगे. इससे पहले भी अशोक गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष का पद लेने से इंकार कर दिया था. राजस्थान में गहलोत भले ही सरकार रिपीट नहीं कर पाए लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में उनकी दस्तक बड़ा इशारा कर रही है. अब देखना यह है कि नई जिम्मेदारी में गहलोत कैसे अपनी जादूगरी दिखाते है.