बीकानेर: जिले में एक दलित महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में पुलिस ने बर्खास्त कांस्टेबल सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं परिजन ने शुक्रवार शाम को शव का अंतिम संस्कार कर दिया.
बीकानेर की पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि खाजूवाला थाने के पूर्व थानाधिकारी अरविंद सिंह शेखावत पर मामले में फरार मुख्य आरोपी दिनेश विश्नोई को संरक्षण देने का आरोप है.अरविंद सिंह शेखावत को पुलिस निरीक्षक के पद से निलंबित किया गया है.
उन्होंने कहा कि आरोप है कि पूर्व थानाधिकारी के संरक्षण के कारण आरोपी पुलिस की गाड़ी में घूमता था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि खाजूवाला थाने के अधिकांश कर्मचारी जो दो वर्ष से अधिक समय से वहां तैनात थे, उन्हें हटा दिया गया. दलित युवती के मृत पाए जाने के बाद मंगलवार को खाजूवाला पुलिस स्टेशन के दो कांस्टेबल-मनोज और भागीरथ- सहित तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद दोनों कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया और हिरासत में ले लिया गया. बाद में एक वीडियो सामने आया जिसमें कांस्टेबल मुकेश पीड़िता को कार में अस्पताल ले जाते हुए देखा गया. घटना में उसकी भूमिका सामने आने के बाद बृहस्पतिवार रात को कांस्टेबल मुकेश को पुलिस सेवा से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शुक्रवार को मुकेश और राकेश को गिरफ्तार कर लिया. राकेश एक निजी चालक है उस पर मुख्य आरोपी दिनेश बिश्नोई को अस्पताल से भागने में मदद करने का आरोप है. पीड़ित युवती को मंगलवार को मुख्य आरोपी दिनेश विश्नोई और कांस्टेबल मुकेश अस्पताल लेकर गये थे और युवती को अस्पताल छोडकर फरार हो गये थे.
खाजूवाला थाने से 18 पुलिसकर्मियों को स्थानांतरित किया गया:
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस को अस्पताल से युवती की मौत की सूचना मिली थी. उन्होंने बताया कि दो साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर तैनात रहने के कारण खाजूवाला थाने से 18 पुलिसकर्मियों को स्थानांतरित किया गया है. पुलिस प्रशासन की कार्रवाई के बाद परिजन शव ले गए और शुक्रवार शाम उसका अंतिम संस्कार कर दिया. उन्होंने बताया कि दाह संस्कार हो चुका है. बर्खास्त सिपाही मुकेश और एक निजी चालक राकेश को गिरफ्तार कर लिया गया है. राकेश ने मुख्य आरोपी को अस्पताल से फरार होने में मदद की थी. मंगलवार को शव की बरामदगी के बाद से ही प्रशासन और पीड़ित परिवार के बीच गतिरोध बना हुआ था.
पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया था:
प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा, मामले की एसआईटी जांच और परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी का आश्वासन मिलने पर परिजन ने बुधवार शाम को खाजूवाला थाने के बाहर धरना समाप्त कर दिया था. शव का बुधवार शाम को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया था. हालांकि, पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, शेखावत को निलंबित करने और पुलिस स्टेशन के पूरे स्टाफ को हटाने जैसी अन्य मांगें उठाईं थीं.