Delhi: डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बोले- भाजपा ‘गुंडागर्दी’ में यकीन रखती है, महापौर का चुनाव नहीं होने दे रही है

Delhi: डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बोले- भाजपा ‘गुंडागर्दी’ में यकीन रखती है, महापौर का चुनाव नहीं होने दे रही है

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (MCD) के सत्र की कार्यवाही स्थगित किए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हमला बोलते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ ‘गुंडागर्दी’ में विश्वास रखती है और वह महापौर का चुनाव नहीं होने दे रही है. सिसोदिया ने प्रेस वार्ता में कहा कि भाजपा एमसीडी को ‘जोर जबदस्ती से चलाना’ चाहती है और इस वजह से वह सदन में हंगामा करती है.

महापौर चुनाव के लिए एमसीडी में मनोनीत सदस्यों को मताधिकार प्रदान करने को लेकर सदन की बैठक में हुए हंगामे के चलते सोमवार को तीसरी बार महापौर का चुनाव नहीं हो सका. इसके बाद सिसोदिया की यह टिप्पणी आई है. एमसीडी की बैठक के शुरू होते ही पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने घोषणा की कि ‘महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों में एल्डरमैन’ (मनोनीत सदस्यों) को मतदान करने की इजाजत होगी और ये चुनाव एक साथ होंगे. इस पर ‘आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. सिसोदिया ने कहा, “ भाजपा एमसीडी को जबरन चलाना चाहती है. इसलिए वह सदन में हंगामा करती है.” उन्होंने कहा, “ भाजपा के सदस्यों ने हंगामा किया जबकि ‘आप’ के सदस्य चुपचाप बैठे हुए थे. भाजपा द्वारा किए गए हंगामे से दिखता है कि पार्टी संविधान व कानून में यकीन नहीं रखती और वह सिर्फ गुंडागर्दी में विश्वास करती है.”

उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा “ अधिकारियों की मदद से एमसीडी चला रही है और गलत फैसले कर रही है. उन्होंने कहा, “ सात दिसंबर को एमसीडी के चुनाव के परिणाम आए थे और आज छह फरवरी है. ‘आप’ को स्पष्ट बहुमत दिया गया था लेकिन भाजपा महापौर का चुनाव नहीं होने दे रही है. सिसोदिया ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने ‘आप’ के पार्षदों को ‘खरीदने’ की कोशिश की लेकिन किसी ने भी उनकी पेशकश कबूल नहीं की. दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम, 1957 के अनुसार, चुनाव के बाद निगम की पहली बैठक में महापौर और उपमाहौर का चुनाव कराया जाना होता है. हालांकि एमसीडी के चुनाव हुए दो महीने हो गए हैं लेकिन अब तक दिल्ली को अपना महापौर नहीं मिल पाया है. निगम के चुनाव चार दिसंबर को हुए थे. सोर्स- भाषा