कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार को ढोल की थाप तथा ‘जय श्रीराम’ के जयघोष के साथ रामनवमी का उत्सव मनाया गया और राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस नेताओं की अगुवाई में शोभायात्राएं निकाली गईं.
प्रवक्ता सौरीश मुखोपाध्याय ने कहा कि इस अवसर पर आरएसएस ने राज्यभर में 1000 छोटी-बड़ी शोभा यात्राएं निकालीं. हावड़ा, खड़गपुर, बैरकपुर, भद्रेश्वर, सिलीगुड़ी और आसनसोल में निकाली गई शोभायात्रा में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया और ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए. इन शोभायात्राओं में ढोल, भगवा ध्वज और भगवान राम के चित्र वाले बड़े-बड़े कटआउट प्रमुखता से दिखाई दिये. इनमें भाग लेने वालों में से कुछ तलवार और त्रिशूल भी लिए हुए थे.
साल पुराने राम मंदिर में पूजा-अर्चना की:
हावड़ा के रामराजातला में ऐसी ही एक रैली में शामिल भाजपा नेता सजल घोष ने इस संबंध में कहा कि उस समय बुराई के खिलाफ ऐसे हथियारों के इस्तेमाल की जरूरत थी. कोलकाता के पार्षद घोष ने कहा कि भगवान राम ने राक्षसों को मारने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया था. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने रामराजतला स्थित 300 साल पुराने राम मंदिर में पूजा-अर्चना की. घोष ने कहा कि रामराजतला का नाम भगवान राम के नाम पर पड़ा है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी दल हमें यह उपदेश देना चाहते हैं कि राम बंगाल की संस्कृति में नहीं हैं. उनके मुताबिक राम बाहर के हैं.
संगठन द्वारा आयोजित शोभायात्रा में भी हिस्सा लिया:
राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने उत्तर दिनाजपुर जिले के इटाहार और दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट में शोभायात्रा का नेतृत्व किया. नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पूर्व मेदिनीपुर में अपने निर्वाचन क्षेत्र नंदीग्राम में एक शोभायात्रा में भाग लिया और जानकीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की. तृणमूल कांग्रेस के नेता अर्जुन सिंह ने उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में रामनवमी पर एक धार्मिक संगठन द्वारा आयोजित शोभायात्रा में भी हिस्सा लिया. सोर्स-भाषा