जयपुर: अन्न उपजाने वाले भोले-भाले किसानों के साथ धोखाधड़ी नहीं हो, इसे लेकर कृषि विभाग सख्ती बरत रहा है. रबी फसलों की बुवाई से पूर्व डेढ़ माह तक क्वालिटी चेकिंग का अभियान चलाया गया है. बड़ी बात यह है कि इस बार खरीफ सीजन के दौरान चलाए गए अभियान की तुलना में सैंपल भले ही कम लिए गए हों, लेकिन कार्रवाई अधिक की गई है.
किसानों को खाद-बीज बेचने वाले डीलर्स की धोखाधड़ी और कालाबाजारी से बचाने के लिए कृषि विभाग के प्रयास सार्थक साबित हो रहे हैं. रबी फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है. अक्टूबर के पहले सप्ताह से ही सरसों, चना, जौ, गेहूं आदि फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी थी जो अब लगभग अपने अंतिम चरण में है. किसानों को अच्छे बीज मिल सकें. खाद की गुणवत्ता सही हो और जिन दवाईयों यानी पेस्टिसाइड का वे उपयोग करने जा रहे हैं, उसकी गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हो. इसे निर्धारित करने के लिए कृषि विभाग ने 13 सितंबर से 31 अक्टूबर तक गुण नियंत्रण अभियान चलाया है. इस चैकिंग अभियान में प्रदेशभर में सख्ती बरती गई है. खास बात यह है कि इससे पहले खरीफ फसलों के लिए विभाग द्वारा जून-जुलाई में चलाए गए गुण नियंत्रण अभियान की तुलना में इस बार अधिक कार्रवाईयां की गई हैं. हालांकि पिछले सीजन की तुलना में लिए गए सैंपल की संख्या कम रही है. खरीफ सीजन में 8565 दुकानों पर सैंपल लिए गए थे, जबकि इस बार 4548 सैंपल ही लिए गए हैं.
अन्नदाता को ठगने वालों पर सख्ती
- 13 सितंबर से डेढ़ माह तक चलाया गया चैकिंग अभियान
- 5519 खाद-बीज दुकानों का किया गया निरीक्षण
- इन दुकानों पर कृषि आदानों के 4548 सैंपल लिए गए
- सबसे ज्यादा 2989 सैंपल खाद के, 1270 सैंपल बीज के लिए गए
- 289 पेस्टिसाइड बेचने वाली दुकानों पर भी सैम्पल लिए गए
- गड़बड़ी मिलने पर 32 दुकानों पर कृषि आदानों की बिक्री रोकी गई
- 13 दुकानें ऐसी, जिन्हें अनियमितता के चलते सीज किया गया
- खाद, बीज व पेस्टिसाइड की कुल 16 दुकानें निलंबित की गई
- खाद-बीज की एक-एक और पेस्टिसाइड की 2 दुकानों के लाइसेंस रद्द किए
- 11 मामलों में कृषि विभाग ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई
- 154 अन्य दुकानों पर कृषि विनियम उल्लंघन पर कार्रवाई की गई
कृषि विभाग की ओर से अभियान के तहत अभी सबसे ज्यादा फोकस खाद की उपलब्धता और जांच को लेकर चल रहा है. प्रदेशभर में खाद-बीज और पेस्टीसाइड बेचने वाली दुकानों का निरीक्षण किया गया है. दरअसल कुछ जिलों में डीएपी और यूरिया की रैक लगने में हुई देरी के चलते कई डीलर्स ने कालाबाजारी की. इस तरह की शिकायतें मिलने पर कृषि विभाग ने एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया. कंट्रोल रूम पर प्राप्त शिकायतों को वैरीफाई किया गया और जांच कर कार्रवाई की गई. अभियान के दौरान कृषि विभाग के 400 से ज्यादा कृषि निरीक्षकों ने खाद, बीज, पेस्टीसाइड के सैंपल लेने का कार्य किया.
कृषि विभाग का यह अभियान भले ही 31 अक्टूबर को पूरा हो चुका है, लेकिन दुकानों की जांच के लिए कवायद अभी भी जारी है. कृषि आयुक्त काना राम का कहना है कि गड़बड़ी करने वाले डीलर्स की शिकायत मिलने पर जांच और कार्रवाई इसी तरह जारी रहेगी. गड़बड़ी करने वाले दुकानों पर न केवल बिक्री रोकी जा सकती है, साथ ही दुकानों के लाइसेंस भी निलंबित किए जा सकते हैं. वहीं इन मामलों में पुलिस में मुकदमे दर्ज कराने की कार्यवाही भी की जा रही है.