VIDEO: शहरी भूमि निस्तारण नियमों में किए बदलाव, गरीब भूखंडधारियों के लिए राहत भरा बदलाव, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार की ओर से शहरी भूमि निस्तारण नियमों में किया गया बदलाव ना केवल गरीब भूखंडधारियों के लिए राहत भरा है. बल्कि भूमि अवाप्ति से प्रभावित खातेदार,खेलों में देश-प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी और शौर्य पुरस्कार पाने वाले सेना के कार्मिकों के लिए भी यह बदलाव आर्थिक भार कम करने वाला है.

क्या है पूरा मामला:
नगरीय विकास विभाग की ओर से हाल ही अधिसूचना जारी कर शहरी भूमि निस्तारण नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है. इस बदलाव से नगर सुधार न्यास,प्राधिकरण व अन्य निकायों में भूखंड लेने वाले भूखंडधारियों को बड़ी राहत मिलेगी. आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के भूखंडधारियों को नगर सुधार न्यास,प्राधिकरण और निकायों की योजनाओं में आवंटित भूखंड के लिए अब पहले से काफी कम लीज राशि देनी होगी. नियमों में किए गए इस बदलाव का फायदा अकेले ईडब्लूएस व एलआईजी वर्ग को ही नहीं होगा. बल्कि विकास योजनाओं के लिए अपनी भूमि देने वाले खातेदार, खेलों में देश-प्रदेश का नाम ऊंचा करने वाले खिलाड़ी और शौर्य पुरस्कार से सम्मानित सेना के कार्मिकों भी इसका लाभ मिलेगा. आपको सबसे पहले बताते हैं कि शहरी भूमि निस्तारण नियमों में किस प्रकार का बदलाव किया गया है.

शहरी भूमि निस्तारण नियमों में बदलाव:
- निकायों की ओर से विभिन्न योजनाओं के भूखंड का पट्टा शहरी भूमि निस्तारण नियमों के तहत जारी किया जाता है
-इन्हीं नियमों के तहत भूखंड की लीज राशि जमा कराए जाने का प्रावधान है
-नगरीय विकास विभाग ने इन नियमों में बदलाव के लिए 18 जनवरी को अधिसूचना जारी की थी
-नियमों में बदलाव कर लीज राशि की गणना के फार्मूले को बदल दिया गया है
-अब तक लीज राशि की गणना योजना की आरक्षित दर के अनुसार की जाती थी
-अब भूखंड की लीज राशि आवंटन दर अथवा आरक्षित दर के 110% दोनों में से जो भी दर कम होगी
-उस दर के आधार पर भूखंड की लीज राशि की गणना की जाएगी

विशेषेज्ञों की मानें तो लीज राशि की गणना के फार्मूले में किए गए इस बदलाव के कारण सबसे बड़ी राहत अवाप्ति में अपनी भूमि देने वाले खातेदार व किसानों को मिलेगी. इसी तरह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में मैडल जीतने वाले खिलाड़ी, शौर्य पुरस्कार से सम्मानित सेना के कार्मिक और विशेष योजना के आवंटियों को भी इस बदलाव को बड़ा फायदा मिलेगा.

जानिए, किस प्रकार इन वर्गों को यह फायदा मिलेगा:
-भूमि अवाप्ति के प्रकरणों में आपसी समझौते के तहत बतौर मुआवजा 25% विकसित भूखंड देने का प्रावधान है
-बतौर मुआवजा देने के कारण निकाय यह भूखंड बिना कोई राशि लिए करते हैं
-लीज राशि की गणना के नए फार्मूले के मुताबिक योजना की आरक्षित दर चाहे जो भी हो
-लेकिन इन मामलों में आवंटन दर शून्य होने के कारण यह दर आरक्षित दर से कम है
-इस लिहाज से इन मामलों में आवंटन दर के आधार पर लीज की गणना करे तो लीज राशि भी शून्य हो जाएगी
-विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे में खातेदार/किसानों को मुआवजे के तौर पर आवंटित भूखंड के लिए लीज राशि नहीं देनी होगी
-राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में मैडल जीतने वाले खिलाड़ी
-और शौर्य पुरस्कार से सम्मानित सेना के कार्मिकों को रियायती दर अथवा नि:शुल्क भूखंड आवंटन का प्रावधान है
-इन मामलों में अब तक आरक्षित दर के अनुसार लीज राशि की गणना की जाती थी
-लेकिन रियायती दर पर भूमि आवंटन पर आवंटन दर आरक्षित दर से कम होगी
-अथवा नि:शुल्क आवंटन के मामलों में आवंटन दर शून्य होगी
-तो ऐसे मामलों लीज गणना के नए फार्मूले के मुताबिक लीज या तो कम देनी होगी अथवा नहीं देनी होगी