जयपुर: कांग्रेस अग्रिम संगठन सेवादल एक बार फिर से अपनी शाखाओं का संचालन शुरु करेगा.जयपुर में इसी माह होने वाली राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में यह अहम प्रस्ताव पारित होगा.इसके अलावा बैठक में संगठन को नई धार देने से जुड़े कईं अन्य अहम प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे.तीन दिन चलने वाली बैठक में देशभर के करीब 150 पदाधिकारी हिस्सा लेंगे. कांग्रेस का जमीनी संगठन सेवादल अब एक बार नए कलेवर में नजर आएगा.संगठन को सक्रिय करने औऱ नई धार देने को लेकर इस बार राजस्थान में राष्ट्रीय कार्यसमिति की अहम बैठक होगी.17,18 और 19 जनवरी तक यह बैठक जयपुर में बाड़ा पदमपुरा में होगी.राष्ट्रीय कार्यसमिति में करीब 150 पदाधिकारी हिस्सा लेंगे.कार्यसमिति की बैठक में अगले दो साल के लिए संगठन का रोडमैप तय होगा.
शाखाओं का फिर से होगा संचालन शुरु:
1970 तक सेवादल की शाखाओं का संचालन होता था,लेकिन फिर इंदिरा गांधी के हाथ में पार्टी की कमान आने के बाद इसका संचालन बंद हो गया.अब कार्यसमिति में शाखाएं फिर से शुरु करने के अहम प्रस्ताव पर मुहर लगेगी.आरएसएस की शाखाओं की तर्ज पर इनमें ध्वजारोहण,वंदे मातरम और राष्ट्रगान जैसे आय़ोजन होंगे.
ट्रेनिंग प्रोग्राम को देंगे गंभीरता से बढावा:
सेवादल अपने ट्रेनिंग कैंप औऱ प्रोग्राम को अब नई धार देगा.नियमित रुप से अब ट्रेनिंग प्रोग्राम चलेंगे.नेशनल,स्टेट औऱ जिला लेवल पर लगातार ट्रेनिंग कैंप लगेंगे.जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता सेवादल के नेताओं औऱ कार्यकर्ताओं को ट्रेंड करेंगे.
रवि मिलन इवेंट फिर से होगा शुरु:
रवि मिलन के प्रोग्राम के तहत माह के एक रविवार को पार्टी का सीनियर नेता डिनर औऱ लंच का आय़ोजन करेगा.खाने की टेबल पर कईं विषयों पर मंथन भी किया जाएगा.
विचारकों की होगी नियुक्तियां:
पार्टी की रीति नीति औऱ विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए सेवादाल कईं विचारकों की नियुक्तियां करेगी.ये विचारक फिर गांव औऱ शहरों में कांग्रेस की विचारधारा से लोगों को जोड़ेगे. इन प्रस्तावों के अलावा कार्यसमिति के बैठक में अन्य कईं मसलों पर भी मंथन किया जाएगा.पहले दिन राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होगी जिसमें सारे प्रस्ताव रखे जाएंगे.फिर अगले दिन प्रदेशाध्यक्षों के साथ समीक्षा होगी.आखिरी दिन प्रस्तावों का अनुमोदन किया जाएगा.संगठन की राष्ट्रीय कार्यसमिति की हर दो साल में यह बैठक होती है.बैठक में स्टेट के लीडर गहलोत,पायलट,डोटासरा औऱ जूली भी हिस्सा लेंगे.
1970 तक कांग्रेस में सेवादल संगठन की तूती बोलती थी.शाखाओं के साथ स्कूलों का संचालन भी सेवादल करता था.साउथ में आज भी सेवादल गांधी बाल स्कूलों का संचालन करता है.लेकिन वक्त के साथ सेवादल संगठन फिर लगातार कमजोर होता गया.आज पार्टी में सेवादल की भूमिका ध्वजारोहण और बैठकों में अनुशासन बनाए रखने जैसे आय़ोजन तक सीमित होकर रह गया है.लिहाजा सेवादल अब एक बार फिर संगठन को नई धार देने की कवायद में जुट गया है.पुराने प्रोग्राम के साथ नए नवाचार करते हुए सेवादल खुद को बदलने में अब जुट गया है.