नई दिल्ली: भाजपा में सारी कोशिशों के बावजूद भी आंतरिक लड़ाई नहीं थम रही है. सूत्रों के अनुसार पहले केशव प्रसाद मौर्य ने "सहासपूर्ण" बयान दिया था. उन्होंने योगी के नेतृत्व में काम नहीं करने का बयान दिया था.
अब मुख्यमंत्री योगी ने भी एक सहासपूर्ण फैसला लिया है. उन्होंने उपचुनाव के लिए गठित सुपर 30 टीम में दोनों डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य को शामिल नहीं करने का फैसला लिया है. इसी बीच अब सीनियर ब्यूरोक्रेसी भी सरकार के बचाव में उतर गई है.
DGP प्रशांत कुमार ने X पर पोस्ट किया कि बुलडोजर का इस्तेमाल गरीब के खिलाफ नहीं किया. इधर पूर्व मंत्री और भाजपा नेता सुनील भराला ने भी X पर पोस्ट किया कि केशव मौर्य जी का आशय यही रहा होगा कि हार की बड़ी ज़िम्मेदारी संगठन की ही है. इसलिए प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी को अविलंब इस्तीफा देना चाहिए.
हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा अब इस प्रकार के कुछ और बयान भी सामने आ सकते है. इस सारे माहौल में राजनैतिक प्रेक्षकों को एक ही आशंका है? कहीं यूपी का BATTLE FIELD , 'FREE FOR ALL' नहीं बन जाए?