मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले, नेता धैर्य रखें, कभी न कभी मौका मिलेगा

नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी नेतृत्व के साथ मैराथन बैठक के एक दिन बाद मंगलवार को प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जताई और यह भी दावा किया कि जनता एक बार फिर से प्रदेश की कमान कांग्रेस को सौंपेगी.उन्होंने साथ ही कहा कि नेताओं को धैर्य रखना चाहिए क्योंकि धैर्य रखने पर कभी न कभी मौका मिलता है. गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी जी ने एक बार कांग्रेस के अधिवेशन में कहा था कि जो धैर्य रखता है उसे कभी न कभी मौका मिलता है. यह बात मैंने दिल में बसा ली. सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को कहता हूं कि धैर्य रखो, धैर्य रखो. धैर्य रखोगे तो मौके मिलेंगे.

पहले भी मौके मिले हैं और आगे भी मिलेंगे. कांग्रेस ने गहलोत और पायलट की पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मैराथन बैठक के बाद सोमवार को कहा था कि दोनों नेता आगामी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सहमत हैं तथा उनके बीच के मुद्दों का समाधान आलाकमान करेगा. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह भी कहा था कि गहलोत और पायलट पार्टी के प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं. हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया था. गहलोत ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि कल अच्छी बातचीत हो गई. सबने अपनी-अपनी बात कही. हमने कहा कि अभी कांग्रेस का चुनाव जीतना देशहित में है.

मोदीजी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) और अमित शाह (गृह मंत्री) ने जो हालात बना रखे हैं, उसे हमें समझना पड़ेगा. आज संविधान और लोकतंत्र कहां है? उन्होंने कहा कि ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम कैसे विधानसभा चुनाव जीत कर आएं और लोकसभा चुनाव की तैयारी करें. गहलोत ने कहा कि उन्होंने अपनी बातें खुलकर कह दी हैं और अब आगे की कार्रवाई का फैसला पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को करना है. मुख्यमंत्री ने सचिन पायलट की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह आलाकमान को तय करना है.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे लिए पद मायने नहीं रखता. तीन बार मुख्यमंत्री बना हूं...पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है. सोनिया जी और राहुल जी ने मुझ पर विश्वास किया है. गहलोत ने कहा कि चाहे मोदी जी आएं या अमित शाह जी आएं. जनता समझ जाएगी कि काम किसने काम किया है. उनका एजेंडा दूसरा है. मेरा एजेंडा राजस्थान की सेवा करना है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस बार मैं (मुख्यमंत्री के रूप में) सफल हुआ हूं. लगता है कि जनता सरकार को रिपीट करेगी. भाजपा वाले चाहे कितना भी धनबल खर्च करें, वो सफल नहीं होंगे. सोर्स भाषा