जयपुर: प्रदेश में वन महोत्सव शुरू हो गया और राजस्थान को ग्रीन कवर देने के लिए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत भी हो गई. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की हरित राजस्थान की मंशा को साकार करने के लिए वन विभाग ने केंद्र की तर्ज पर 'ट्री आउट साइड फॉरेस्ट' योजना शुरू की है. योजना के तहत पांच करोड़ पौधे वन क्षेत्र से बाहर लगाने का लक्ष्य रखा गया है. प्रदेश में आज से इन पौधों का सशुल्क वितरण शुरू किया गया. योजना शुरू करते ही पहले ही दिन आज जगतपुरा कि बालाजी नर्सरी सहित विभिन्न पौधशालाओं में सैकड़ों की तादाद में लोग पौधे लेने पहुंचे.
जयपुर
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत
प्रदेश में वृहद पौधरोपण से ग्रीन कवर बढ़ाने की तैयारी
हॉफ अरिजीत बनर्जी, APCCF (विकास) अनुराग भारद्वाज कर रहे मॉनिटरिंग
वन भूमि पर 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पौधरोपण
कैंपा, राज्य योजना और AFD द्वारा वित्तपोषित प्रोजेक्ट के तहत पौधरोपण
प्रदेशभर में 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पौधारोपण
10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रासलैंड विकास के लिए लगाए जाएंगे 2.5 करोड़ पौधे
TOFIR के तहत नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में पौध वितरण
2 करोड़ पौधे किए जाएंगे वितरित, पंचायतराज के माध्यम से 1 करोड़ पौधे
विभाग की 544 पौधशालाओं से आमजन को 2 करोड़ पौधों का विक्रय
QR कोड और मोबाइल एप के जरिए किया जा सकता है भुगतान
प्रत्येक जिले में वन महोत्सव के तहत हर साइट पर एक हजार पौधों का रोपण
दरअसल केंद्र सरकार ने 'ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट' योजना शुरू की थी उसी तर्ज पर राजस्थान सरकार ने भी 'ट्री आउट साइड फॉरेस्ट इन राजस्थान' योजना शुरू करने का फैसला किया था. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर शुरू की गई योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभाग, संस्था व आमजन के सहयोग से योजना 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
इनमें से 1 करोड़ पौधे गोचर, ओरण व चरागाह भूमि पर लगाए जाएंगे जबकि 1 करोड़ पौधे विभिन्न शहरी क्षेत्रों में लगाने का लक्ष्य रखा गय. दो करोड़ पौधे आमजन को अपने घरों व खेतों में लगाने के लिए वन विभाग की पौधशालाओं में उपलब्ध रहेंगे. एक करोड़ पौधे पंचायतराज के माध्यम से वितरित किए जाएंगे. एसीएस अपर्णा अरोड़ा की देखरेख में पीसीसीएफ हॉफ अरिजीत बनर्जी, एसीसीएफ विकास अनुराग भारद्वाज योजना को लेकर अहम योगदान कर रहे हैं.
वन विभाग पौधों के बदले सरकारी विभाग और आमजन से एक निश्चित राशि लेगा. प्रति वर्ष एक करोड़ पौधे ओरण, चरागाह और गोचर भूमि पर लगाने के लिए ग्राम पंचायतों को दिए जाएंगे. इसी तरह शहरी निकायों को भी एक करोड़ पौधे दिए जाने का लक्ष्य है. छह महीने के पौधे प्रति पौधा 9 रुपए तो एक वर्ष के पौधे प्रति पौधा 15 रुपए की दर से दिया जाएगा. इसी तरह आमजन को एक से 10 पौधे तक प्रति पौधा 2 रुपए इसके बाद 11 से 50 पौधे तक प्रति पौधा 5 रुपए और 51 से 200 पौधे तक प्रति पौधा 10 रुपए में दिया जाएगा.
इस बार पौधों की मांग ऑनलाइन भी प्रस्तुत की जा सकती है. राजस्थान में वन विभाग ने यह सुविधा शुरू कर दी है. राजस्थान की नर्सरियों से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पौधे खरीद की सुविधा लागू की गई है. इसके जरिए कोई भी व्यक्ति और संस्था अपने घर या कार्यालय से ही राजस्थान वन विभाग की साइट पर जाकर अपनी पसंद के पौधे बुक सकेंगे. कस्टमर को हर प्रकार के पौधे और उनकी दर ऑनलाइन ही नजर आएंगी. पौधे बुक कराने के बाद संबंधित नर्सरियों में संबंधित व्यक्ति और संस्था के नाम से वे पौधे रिजर्व हो जाएंगे. व्यक्तिगत रूप से पौधे 7 दिन और संस्था की ओर से ऑनलाइन पौधा खरीद पर वे 15 दिन तक रिजर्व रहेंगे.
हालांकि पौधों की डिलीवरी संबंधित नर्सरी से ही मिलेगी. इस नई व्यवस्था के तहत वन विभाग की ओर से आज से पौधों की बिक्री शुरू की गई. पहले ही दिन लोगों का पौधों को लेकर जबरदस्त रुझान देखने को मिला. विभिन्न संभागों की भौगोलिक स्थिति व जलवायु के अनुसार पौधों की किस्म तैयार की गई हैं. शहरी क्षेत्रों के लिए 51 प्रजातियां तो ओरण, चरागाह व गोचर भूमि के लिए करीब 5 दर्जन किस्म के पौधे तैयार किए गए हैं. योजना से न केवल जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभावों से बचा जा सकेगा वरन पर्यावरण में महत्वपूर्ण सुधार होगा.