CM अशोक गहलोत ने दी कर्मचारियों को बड़ी सौगात, मंत्रिमंडल की बैठक में हुए ये अहम फैसले

जयपुर: राजस्थान सरकार के कर्मचारियों को अब 25 वर्ष की सेवा पूर्ण कर सेवानिवृत होने पर ही पूर्ण पेंशन का लाभ प्राप्त हो जाएगा. पहले यह सीमा 28 वर्ष की थी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार रात राज्य मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.

एक बयान के अनुसार मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. इससे कर्मचारियों को 28 वर्ष की आवश्यक सेवा के स्थान पर 25 वर्ष की सेवा पूर्ण कर सेवानिवृत होने पर ही पूर्ण पेंशन का लाभ प्राप्त हो सकेगा. इसके अलावा, 75 वर्ष के पेंशनर एवं पारिवारिक पेंशनर को 10 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन भत्ता प्राप्त होगा.

कर्मचारी या पेंशनर की मृत्यु की स्थिति में उनके विवाहित निःशक्त पुत्र/पुत्री तथा 12,500 रुपये प्रतिमाह तक की आय वाले पात्र सदस्यों को भी पारिवारिक पेंशन का लाभ प्राप्त हो सकेगा. इस संशोधन की अधिसूचना एक अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी. बैठक में कर्मचारियों के हित में पदोन्नति, पेंशन, स्पेशल-वेतन, पदनाम के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया है. इससे कार्मिकों के विशेष वेतन में वृद्धि होगी.

 

गहलोत ने 2023-24 के बजट में इसकी घोषणा की थी:
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने 2023-24 के बजट में इसकी घोषणा की थी. मंत्रिमंडल ने वीर गुर्जर विकास एवं धर्मार्थ ट्रस्ट, भीलवाड़ा तथा रैगर समाज, बीकानेर को भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया है. इसके साथ ही, मंत्रिमंडल ने आयुर्विज्ञान महाविद्यालय दौसा का नामकरण ‘पं नवल किशोर शर्मा आयुर्विज्ञान महाविद्यालय दौसा‘ किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है.