जयपुर: प्रदेश में बरसात के बाद पैर पसार रही मौसमी बीमारियों के बीच "को-इंफेक्शन" ने चिंता बढ़ा दी है. प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में कई मरीज ऐसे चिन्हित किए गए है, जिन्हें डेंगू के साथ साथ स्क्रब टाइफस संक्रमण ने भी चपेट में ले लिया. इसमें से कई मरीज तो काफी गंभीर हालत तक पहुंच गए. ऐसे में अब खुद चिकित्सकों ने ओपीडी में आने वाले मरीज व उनके परिजनों को जागरूक करना शुरू कर दिया है. आखिर क्या है प्रदेश में मौसमी बीमारियों की स्थिति और आमजन की क्या हो भागीदारी.
बरसात का सीजन समाप्त होने के साथ ही हर घर में मौसमी बीमारियों ने दस्तक दे दी है. खांसी, जुखाम, बुखार के अलावा मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और स्क्रब टायफस के केस भी एकाएक बढ़े है. स्क्रब टायफस के बढ़ते केस तीन सालों का रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी में है. इन सब रिपोर्ट के बीच सबसे बड़ी चिंता मिक्स टाइप संक्रमण की है, जिसके चलते कई गंभीर मरीज एसएमएस अस्पताल तक पहुंचे है. खुद चिकित्सकों का कहना है कि एक ही मरीज में डेंगू के साथ साथ स्क्रब टाइफस का संक्रमण भी देखा जा रहा है. ऐसे मरीज यदि समय पर ट्रीटमेंट नहीं लेते तो कुछ ही समय में हालत गंभीर हो जाती है. ऐमे में चिकित्सकों का कहना ये है कि बीमारी के लक्षण दिखते ही जल्द से जल्द परामर्श जरूर लिया जाए.
राजस्थान में बीमारियों का रिपोर्ट कार्ड:-
- सर्दी की दस्तक के साथ ही पैर पसा रही मौसमी बीमारियां
- प्रदेश में मौसमी बीमारियों का रिपोर्ट कार्ड
- तीन सालों का रिकॉर्ड तोड़ने की ओर स्क्रब टायफस के केस
- इस साल में अब तक स्क्रब से 4 मौतें,1992 नए केस चिन्हित
- जबकि 2021 में 6 मौत-1997 केस, 2022 में 27 मौत-1904 केस
- हालांकि, मौत के आंकड़े पिछले सालों की तुलना में कंट्रोल में
- लेकिन पॉजिटिव मरीजों के बढ़ते ग्राफ से चिकित्सा विभाग चिंतित
- ऐसे में चिकित्सा विभाग ने दिए सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देश
- पशुपालन विभाग से समन्वय,हर माह पशुओं के बाड़े में स्प्रे की प्रक्रिया
- रोगी के परिजनों का प्रोफाइलेटिक उपचार के दिए निर्देश
डेंगू के डंक से चिंतित चिकित्सा विभाग !
- मानसून खत्म होने के साथ ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप
- जयपुर समेत प्रदेशभर में देखा जा रहा डेंगू का सर्वाधिक स्प्रेड
- पिछले एक माह की बात करें तो डेंगू के 3000 नए केस चिन्हित
- विभाग के माहवार आंकड़ों को देखे तो जनवरी में 212 केस
- फरवरी में 135, मार्च में 77, अप्रैल में 82 केस मई में 68 केस,
- जून में 84, जुलाई में 325,अगस्त में 1864 केस किए रजिस्टर्ड
- सितम्बर माह में भी सामने का चुके 3000 के आसपास डेंगू के केस
- अक्टूबर माह में धौलपुर, गंगानगर, दौसा, झालावाड़, जोधपुर, बारां,
- बीकानेर और उदयपुर में डेंगू का देखा गया सर्वाधिक स्प्रेड
हालांकि, मौसमी बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर है. खुद विभाग की एसीएस मेडिकल शुभ्रा सिंह जिलेवार मॉनिटरिंग कर रही है. इस दौरान संवेदनशील जिलों में मुख्यालय से चिकित्सकों की टीमें भी भेजी गई है. साथ ही चिकित्साकर्मियों को बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ने के लिए पाबंध किया गया है. ऐसे में अब जरूरी ये हो गया है कि आमजन भी अपनी जिम्मेदारी निभाए. मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सरकारी प्रयासों में भागीदारी सुनिश्चित करें.