नई दिल्ली: कांग्रेस ने शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लोकायुक्त को खत्म करने के प्रयास करने का आरोप लगाया और तंज कसते हुए कहा कि भ्रष्टाचार मिटाने और लोकपाल के नाम पर सत्ता में आए केजरीवाल को बताना चाहिए कि नौ वर्षों से लोकपाल कहां हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने यह दावा भी किया कि दिल्ली में शराब घोटाले में कम से कम 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने की बात स्पष्ट हो गई है और ऐसे में मुख्यमंत्री केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एवं मंत्री सत्येंद्र जैन को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि केजरीवाल जी ने लोकपाल के लिए आंदोलन किया था, लेकिन अब इसकी बात नहीं करते. उनके मुंह पर ताला लग गया है. हम पूछना चाहते हैं कि श्रीमान केजरीवाल, कहां है लोकपाल. माकन ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र हर विषय पर बुला लिया जाता है. उप राज्यपाल के वेटिंग रूम में धरना दिया जाता है, ताकि और शक्तियां मिल सकें. क्या केजरीवाल जी बताएंगे कि लोकपाल के लिए उन्होंने कोई धरना दिया?
उन्होंने कहा कि 14 फरवरी, 2014 को केजरीवाल जी कांग्रेस का समर्थन होने के बावजूद सरकार से हट गए थे और इसका कारण लोकपाल बताया था और कहा था कि पूर्ण बहुमत में आएंगे और लोकपाल बनाएंगे. नौ साल बीत गए, लेकिन केजरीवाल जी को लोकपाल की याद नहीं आई. माकन ने आरोप लगाया,केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में कमजोर लोकायुक्त को और कमजोर कर दिया है. लोकायुक्त की रिपोर्ट सदन के पटल पर नहीं रख रहे हैं. वह लोकायुक्त को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय की जांच का हवाला देते हुए कहा कि शराब घोटाले में स्पष्ट है कि कम से कम 100 करोड़ रुपए की घूस दी गई. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को कुर्सी पर बने रहने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में कोई आरोप लग जाने भर से मंत्री नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देते थे. लेकिन यहां आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की बात सामने आ गई है, लेकिन इस्तीफा नहीं हो रहा है. (भाषा)