जयपुर: दिल्ली में जल्द कांग्रेस मुख्यालय को अब नया ठिकाना मिल जाएगा. 9A कोटला मार्ग में पार्टी के नए मुख्यालय की बिल्डिंग बनकर तैयार है. बस कुछ सरकारी क्लीयरेंस लेने की प्रक्रिया में फिलहाल कांग्रेस जुटी हुई है. 28 दिसम्बर को कांग्रेस पार्टी का स्थापना दिवस है. अगर क्लीयरेंस का मामला सुलझ गया तो पूरी संभावना है पार्टी इस बार स्थापना दिवस समारोह नए मुख्यालय में मना सकती है.
करीब 46 साल बाद दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय का एड्रेस बदलने जा रहा है. जी हां, 24 अकबर रोड़ से कांग्रेस पार्टी का मुख्यालय अब जल्द 9A कोटला मार्ग में शिफ्ट होने वाला है. 28 दिसम्बर को कांग्रेस पार्टी का स्थापना दिवस है और पार्टी इस बार नए मुख्यालय में इस समारोह को मनाने की तैयारी कर रही है. हालांकि अभी सरकार स्तर पर कईं क्लीयरेंस लेना शेष है. अगर यह औपचारिकताएं पूरी हो गई तो पार्टी नए मुख्यालय में शिफ्ट हो सकती है. नए मुख्यालय का भवन बनकर पूरी तरह से तैयार है. नए मुख्यालय का नाम इंदिरा भवन रखा जाएगा.
-कांग्रेस के नए दफ्तर में क्या है खास-
2016 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य शुरु
6 मंजिला बिल्डिंग में होगा यह नया आलीशान मुख्यालय
पहले फ्लोर पर बनाया गया है एक बड़ा ऑडिटोरियम
नए मुख्यालय का द्वार खुलता है दो तरफ
एक कोटला रोड़ की तरफ दूसरा दीनदयाल मार्ग की और
पदाधिकारियों के बैठने के लिए बनाए गए है ऑफिस
कॉन्फ्रेंस हॉल,लाइब्रेरी,कैंटीन औऱ रिसर्च सेंटर की होगी सुविधाएं
अग्रिम संगठन के दफ्तर भी होंगे नए मुख्यालय में
हालांकि इससे पहले कईं बार मुख्यालय नए भवन में शिफ्ट होने की चर्चा चलती रही. लेकिन नए मुख्यालय के भवन निर्माण का कार्य तय समय सीमा में पूरा नहीं हो पाया. लेकिन अब बिल्डिंग बनकर पूरी तरह से रेडी है. लेकिन अभी भी सरकार स्तर पर कईं अनुमतियां लेने का फच्चर फंसा हुआ है. लेकिन कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह औपचारिकताएं जल्द पूरी कर ली जाएगी. उधर वर्तमान में 24 अकबर रोड भवन में चल रहे दफ्तर से कांग्रेस और उसके नेताओं की कईं यादें जुड़ी हुई है. क्योंकि पिछले 46 साल से यहां पार्टी का संचालन हो रहा था. आपको बता दे कि जब 1978 में कांग्रेस दो हिस्सों में बंट गई थी. तब तत्कालीन सांसद जी वेंकटस्वामी का 24 अकबर रोड़ सरकार आवास था. वेंकटस्वामी इंदिरा गांधी के खास थे इसलिए उन्होंने अपना भवन इंदिरा कांग्रेस के लिए दे दिया था. तब से यही पार्टी का मुख्यालय था.
अगर कांग्रेस पार्टी नए मुख्यालय में शिफ्ट हो जाती है तो यह एक ऐतिहासिक लम्हा होगा. वहीं कई एक्सपर्ट का कहना है कि क्या पता नया दफ्तर मिलने के बाद कांग्रेस की स्थिति में सुधार हो जाए. क्योंकि कांग्रेस लगातार तीन लोकसभा और कईं राज्यों में चुनाव हार चुकी है. ऐसे में क्या पता नया ठिकाना लकी साबित हो जाए.