कांग्रेस के कार्यक्रम में के. मुरलीधरन को बोलने का मौका न देना अपमानजनक- Shashi Tharoor

तिरुवनंतपुरम: केरल में ऐतिहासिक वैकोम सत्याग्रह पर कांग्रेस के हाल के कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन को बोलने का अवसर न दिए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को इस घटना को वरिष्ठ नेता के लिए अपमानजनक बताया.

थरूर ने कहा कि अगर पार्टी को उचित तरीके से आगे बढ़ना है तो उसके वरिष्ठ नेताओं से इस तरीके से बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए.तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर ने कहा कि वह (मुरलीधरन) वरिष्ठ नेता हैं. वह केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष हैं. उन्होंने पार्टी में अहम भूमिका निभायी है. ऐसे वरिष्ठ व्यक्ति का अपमान करना सही नहीं है.

बोलने का अवसर न दिए जाने पर अंसतोष जताया:
उनकी यह टिप्पणी तब आयी है जब कांग्रेस के दिवंगत नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के. करुणाकरण के बेटे मुरलीधरन ने बृहस्पतिवार को आयोजित कार्यक्रम में बोलने का अवसर न दिए जाने पर अंसतोष जताया. मुरलीधरन ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि उन्हें ‘‘जानबूझकर नजरअंदाज’’ किया गया क्योंकि केपीसीसी के दो पूर्व प्रमुखों रमेश चेन्नीथला और एम एम हासन को बोलने का मौका दिया गया लेकिन उन्हें नहीं दिया गया.

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को फौरन लौटना था: 
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के सी वेणुगोपाल और केपीसीसी प्रमुख के. सुधाकरन से कहा है कि अगर पार्टी को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है तो वे मुझे बता सकते हैं. वहीं, चेन्नीथला ने कहा कि इसे मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें संभवत: बोलने का मौका इसलिए नहीं दिया गया होगा क्योंकि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को फौरन लौटना था. सोर्स-भाषा