ये नेता कांग्रेस से बीजेपी में आए, अब सम्मान का इंतजार ! भाजपा बना रही रणनीति, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः बीते विधानसभा और फिर लोकसभा चुनावों के समय कांग्रेस से बीजेपी में आने वाले नेताओं की लाइन लग गई थी अब सत्ताधारी दल के सामने चुनौती है इन्हें एडजस्ट करना. सूत्रों के मुताबिक इन्हें लेकर पार्टी ने रणनीति बनाई है. सरकार और संगठन दोनों जगह शामिल किया जाएगा. कांग्रेस से आए प्रत्येक नेता को काम देने की योजना है.

ऐसा नहीं है कि कांग्रेस से बीजेपी में आने वाले नेताओं को कुछ नहीं मिला. कुछ ही नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा गया. कांग्रेस से सांसद रह चुकी और किसान नेता स्वर्गीय नाथू राम मिएर्धा की पौत्री ज्योति मिर्धा को बीजेपी ने पहले विधानसभा और बाद में लोकसभा का चुनाव लड़ाया था ये अलग बात है वह दोनों चुनाव में हार गई. हालांकि अभी प्रदेश संगठन में उपाध्यक्ष है. वहीं गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके और वागड़ के कद्दावर आदिवासी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने तो कांग्रेस विधायक बनने के बाद अपने मूल दल को छोड़ा और बीजेपी ने डूंगरपुर - बांसवाड़ा लोकसभा से चुनाव मैदान में उतारा अलबत्ता मालवीय हार गए. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को भी बीजेपी ने टिकट दिया था वे भी सफल नहीं रहे. कांग्रेस नेता रामनिवास मीणा को भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने टोडाभीम से विधानसभा का चुनाव लड़ाया, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. इन सबके बीच कांग्रेस से भाजपा में आये पूर्व विधायक और सचिन पायलट के करीबी दर्शन सिंह गुर्जर को करोली विधानसभा से टिकट दिया , दर्शन ने चुनाव में जीत दर्ज की. खंडेला से सचिन पायलट के ही विश्वस्त रहे सुभाष मील को बीजेपी ने टिकट दिया वो भी जीत गए मील कांग्रेस के टिकट पर भी चुनाव लड़ चुके थे. कांग्रेस के ही पूर्व विधायक रमेश खींची को पार्टी ने कठूमर से विधानसभा चुनाव लड़ाया और जीत हासिल हुई. बहरहाल चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले नेताओं से अलग जो दिग्गज अभी तक सम्मान से महरूम है उन्हें पद देने की योजना पर राज्य और केंद्रीय नेतृत्व के बीच एक दौर की बातचीत हो चुकी. प्रभारी डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने दिल्ली तक इस विषय को रखा है तय किया गया है कि क्षमताओं के अनुरूप कांग्रेस से बीजेपी में आए हुए नेताओं को पद दिए जाएंगे.

- ये प्रमुख नेता जो कांग्रेस से बीजेपी में आकर सम्मान के इंतजार में--
-- करण सिंह यादव पूर्व सांसद ,पूर्व विधायक
दो बार अलवर से सांसद रह चुके
अशोक गहलोत के करीबी नेता रहे
बीसूका के उपाध्यक्ष रहे
यादव समाज के बड़े चेहरे
लोकसभा उप चुनाव बड़े अंतर से जीता था

-- महेंद्रजीत मालवीय पूर्व मंत्री
वागड़ के बड़े आदिवासी नेता
बागीदौरा से विधायक रहे थे
कांग्रेस में वागड़ का एकछत्र चेहरा रहे
बीजेपी में आकर टिकट भी मिला
हालांकि अभी प्रमुख पद की तलाश

-लालचंद कटारिया - पूर्व कृषि मंत्री
कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे
गहलोत सरकार में मंत्री रहे 
UPA सरकार में मंत्री रह चुके
जयपुर ग्रामीण से लोकसभा सांसद रहे
 एक बार आमेर से और दो बार झोटवाड़ा से विधायक रहे 
जाट समाज के कद्दावर नेता
इनके पिता भी आमेर से विधायक रहे थे
प्रभाव क्षेत्र - जयपुर जिला 

-राजेंद्र यादव - पूर्व गृह राज्य मंत्री
 कांग्रेस में अहीरवाटी के प्रमुख नेता रहे
  गहलोत सरकार में उच्च शिक्षा, गृह जैसे महकमों के मंत्री रहे 
 जयपुर ग्रामीण की कोटपूतली विधानसभा से विधायक रहे हैं
कोटपूतली को जिला बनाने में इनका योगदान रहा

--रिछपाल मिर्धा पूर्व विधायक
 कृषक शिरोमणि स्वर्गीय नाथू राम मिर्धा के परिवार से ताल्लुक 
 रिछपाल मिर्धा डेगाना विधानसभा सीट से विधायक रह चुके
पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के चाचा
इनके बेटे विजयपाल मिर्धा डेगाना से विधायक रहे
लालचंद कटारिया के दामाद है विजयपाल
पिता और ससुर के साथ ही विजयपाल भी बीजेपी में आ गए

-- आलोक बेनीवाल पूर्व विधायक शाहपुरा
आलोक बेनीवाल मूल रूप से कांग्रेसी लेकिन विधायक बने थे निर्दलीय
 आलोक बेनीवाल पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला के पुत्र हैं
कमला ने अपनी पूरी राजनीति कांग्रेस में रहकर की 
राज्य की उप मुख्यमंत्री भी रही थी डॉ कमला 
बीजेपी में राव राजेंद्र सिंह के करीब

--खिलाड़ी लाल बैरवा पूर्व विधायक
गहलोत सरकार में SC आयोग के अध्यक्ष रहे
 धौलपुर जिले की बसेड़ी विधानसभा सीट से विधायक रहे
खिलाड़ी लाल बैरवा करौली धौलपुर से सांसद भी रह चुके हैं
  2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया था
 निर्दलीय चुनाव लड़ा सफलता नहीं मिली

- जेपी चंदेलिया पूर्व विधायक 
प्रशासनिक पद से सियासत में आए
पिलानी से कांग्रेस विधायक 
कांग्रेस का दलित चेहरा रहे
टिकट कटने पर अलविदा कह दिया
झुन्झुनूं उपचुनाव में सक्रिय रहे
बीजेपी में सक्रियता

-- प्रताप पूनिया 
चूरू से कांग्रेस टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा 
बीजेपी में राजेंद्र राठौड़ कैंप में माने जाते है
लगभग रोजाना बीजेपी प्रदेश मुख्यालय आते है
ऐसे प्रताप पूनिया एकमात्र कांग्रेस नेता है
जो बिना पद के भी रोजाना बीजेपी आकर रीति नीति सीख रहे

-- रामपाल शर्मा
 भीलवाड़ा के रामपाल शर्मा लोकसभा चुनाव लड़ चुके 
वे भीलवाड़ा यूआईटी के चेयरमैन भी रहे हैं
डॉ सीपी जोशी कैंप में गिने जाते थे
क्रिकेट की सियासत से भी जुड़े है

-- ज्योति खंडेलवाल पूर्व मेयर 
जयपुर की मेयर रह चुकी
कांग्रेस का बड़ा चेहरा रही
जयपुर से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा कांग्रेस टिकट पर

-- सीताराम अग्रवाल 
जयपुर के वैश्य वर्ग का प्रभावी चेहरा 
विद्याधर नगर से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा

सुरेश चौधरी 
कांग्रेस सेवादल के पूर्व अध्यक्ष
कुशल संगठनकर्ता
किसान वर्ग से ताल्लुक
कांग्रेस में गहलोत के नजदीक रहे
सचिन पायलट कैंप भी शुमार रहे 

रामनरायण किसान, जगन्नाथ बुरड़क, पंकज मेहता, अनिल व्यास समेत कई कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी ज्वाइन की थी अभी उचित प्लेटफॉर्म की तलाश. हालांकि कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं के लिए मुश्किल ये है कि भजनलाल सरकार बनने के 17 महीनों में अभी तक उनकी उचित पूछ नहीं हुई. कुछ तो ऐसे है जो बीजेपी ज्वाइन करने के बाद एक दिन भी बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में नहीं आए वहीं बीजेपी संगठन भी इन्हें उचित दायित्व देने में कोई रुचि नहीं रखता. तिरंगा अभियान, सिंदूर अभियान समेत कई अभियानों को बीजेपी ने किया लेकिन कांग्रेस पृष्ठ भूमि के नेताओं को कोई जिम्मेदारी देने में रुचि नहीं दिखाई. इसके बावजूद कांग्रेस विचारधारा से बीजेपी में आने वाले नेताओं ने हिम्मत नहीं हारी है.