Rajasthan Congress: कांग्रेस नेताओं ने गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वालों पर साधा निशाना, जानिए किसने क्या कहा

जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट और मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के तीखे हमले के बाद जलदाय मंत्री महेश जोशी ने गहलोत सरकार का बचाव करते हुए इस बात पर आश्चर्य व निराशा जताई है क‍ि कुछ जिम्मेदार लोग सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं.

इसके साथ ही डीडवाना से कांग्रेस विधायक चेतन डूडी ने भी सचिन पायलट पर निशाना साधा और कहा कि पायलट द्वारा उठाई गई तीन मांगें अव्यावहारिक और पूरी तरह से समझ से परे हैं. सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सोमवार को यहां सचिन पायलट की एक सभा में आरोप लगाया था क‍ि ‘‘इस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.’’

इसके जवाब में जोशी ने कहा कि अपनी ही सरकार पर आरोप लगाने से पहले उन्हें ये सोचना चाहिए था कि वे ये आरोप खुद पर भी लगा रहे हैं. जोशी ने कल रात एक बयान में कहा क‍ि अत्यंत आश्चर्यजनक और खेदजनक है कि कुछ जिम्मेदार लोग अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं.

उन्‍होंने कहा कि आरोप लगाने वालों को यह अच्छे से पता है कि जब कभी भी भ्रष्टाचार की बात सामने आई है तो मुख्यमंत्री जी ने भ्रष्टाचार पर बिल्कुल न बर्दाश्त करने की नीति अपनाते हुए सशक्त चोट की है. भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्‍यूरो (एसीबी) की कार्रवाइयां इस बात का प्रमाण है कि भ्रष्टाचारी चाहे कितना भी बड़ा शख्स हो, एसीबी द्वारा बेहिचक और बड़ी सख्ती से कार्रवाइयों को अंजाम दिया गया.

पायलट द्वारा उठाई गई तीन मांगें अव्यावहारिक:
इसी तरह डीडवाना से विधायक डूडी ने कहा कि पायलट द्वारा उठाई गई तीन मांगें अव्यावहारिक हैं. डूडी को कभी पायलट का करीबी माना जाता था लेक‍िन 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान वह सरकार के साथ खड़े हुए. उन्‍होंने ट्वीट किया कि सचिन पायलट ने जिन तीन मुद्दों को उठाया है, वे अव्यावहारिक एवं पूरी तरह समझ से परे हैं. क्या आपको पता नहीं कि आरपीएससी स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है जो कभी भंग नहीं की जा सकती. आरपीएससी सदस्य का तो इस्तीफा भी राष्ट्रपति द्वारा मंजूर किया जाता है. आप क्यों युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं?

पायलट साहब बताएं कि वसुंधरा सरकार के कौन-से मामले अब भी लंबित:
पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्‍टाचार के मामले में डूडी ने कहा कि पायलट साहब बताएं कि वसुंधरा सरकार के कौन-से मामले अब भी लंबित हैं जिनकी वो जांच करवाना चाह रहे हैं क्योंकि सरकार आते ही सबसे पहले उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय से इन मामलों का निस्तारण हो चुका है. अपनी जनसंघर्ष पदयात्रा के समापन के मौके पर जयपुर में आयोज‍ित सभा में पायलट ने सरकार के सामने तीन मांग रखी हैं जिनमें राजस्‍थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) को बंद कर इसका पुनर्गठन करना, परीक्षा पत्र लीक होने से प्रभावित प्रत्येक नौजवान को उचित आर्थिक मुआवजा देना और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराना शामिल है.

मुआवजा देने की मांग सिर्फ अपनी झूठी वाहवाही के लिए:
डूडी ने लिखा कि परीक्षा पत्र लीक होने पर मुआवजा देने की मांग सिर्फ अपनी झूठी वाहवाही के लिए है क्योंकि ऐसा किसी राज्य में नहीं होता. आज तक इतिहास में किसी नेता ने ऐसी मांग नहीं की. जितनी कड़ी कार्रवाइयां परीक्षा पत्र लीक होने पर राजस्थान में हुई है वह दूसरे किसी राज्य में नहीं हुई है. यह बात युवा अच्छे से जानते हैं. डूडी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा पायलट की रैली की तस्वीर और वीडियो ट्विटर पर साझा क‍िए जाने पर भी कटाक्ष किया.

संजीवनी घोटाले के प्रमुख आरोपी का नाम भी नहीं लिया गया:
डूडी ने कहा कि राजस्थान में सबसे बड़ा संजीवनी घोटाला है जिसमें लाखों लोगों के घर लूटे गए लेकिन आज रैली में संजीवनी घोटाले के प्रमुख आरोपी का नाम भी नहीं लिया गया और रैली के बाद प्रमुख आरोपी ने पायलट साहब की तारीफ में ट्वीट किया. यही आज की रैली की सच्चाई है क्योंकि दोस्ती तो मानेसर के समय से ही है. उल्‍लेखनीय है क‍ि जुलाई 2020 में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगाावत करने वाले पायलट और उनके समर्थक विधायक गुरुग्राम के पास मानेसर के होटलों में रुके थे. सोर्स- भाषा