जयपुर: महाराष्ट्र के नतीजों के बाद अब कांग्रेस ईवीएम से मतदान के खिलाफ आंदोलन शुरु करने की रणनीति बना रही है. खुद अध्यक्ष खड़गे अपने बयान से बैलेट पेपर से वोटिंग कराने की मांग करके विरोध का संकेत दे चुके हैं. CWC बैठक में इसको लेकर कांग्रेस बड़ा फैसला ले सकती है. विरोध की रणनीति को लेकर कांग्रेस की इंडिया गठबंधन दलों से भी बातचीत जारी है.
पहले हरियाणा में और अब महाराष्ट्र में कांग्रेस की करारी हार लिहाजा रिजल्ट से निराश कांग्रेस ने अब ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोलने की रणनीति बनाई है. कांग्रेस इसको लेकर देशव्यापी आंदोलन का आगाज कर सकती है. ईवीएम के विरोध में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व तमाम इंडिया गठबंधन दलों से इसके लिए बातचीत भी कर रहा है. ईवीएम के विरोध में कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा जैसा कोई विरोध का तरीका अपना सकती है. पिछले दिनों एक सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने तो खुलकर फिर से बैलेट पेपर से मतदान करवाने की मांग कर डाली और इसके लिए बाकायदा आंदोलन शुरु करने के संकेत तक दे डाले.
खड़गे के बयान से साफ है कांग्रेस अब ईवीएम को एक बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है. सड़क से लेकर सदन तक जोरदार विरोध करने की रणनीति पर बाकायदा विचार हो रहा है. खड़गे के बयान के बाद अब कांग्रेस के अन्य दिग्गज नेता भी ईवीएम के खिलाफ खोलकर सामने आ चुके हैं. पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि ईवीएम हमेशा से ही विवादों में रही है. पहले खुद भाजपा नेताओं ने इसका विरोध किया था. हरियाणा और महाराष्ट्र में माहौल के विपरित रिजल्ट आए है एकदम एक तरफा अब तो लोग भी कहने लगे है कुछ तो गड़बड़ है ईवीएम में.
दरअसल परिणाम विपरीत होने पर कोई भी सियासी दल हो वो ईवीएम पर हार का ठीकरा फोड़ने लगे है. सबसे पहले भाजपा ने ही 2009 के लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद ईवीएम पर सवाल खड़े किए थे. लालकृष्ण आडवाणी ने जमकर ईवीएम का विरोध किया था. तो अब कांग्रेस ईवीएम के खिलाफ उतर आई है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक पर अब सबकी नजरें टिकी हुई है जिसमें ईवीएम को लेकर कांग्रेस बड़ा फैसला ले सकती है. अब देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस के इस विरोध को जनता किस रुप में लेती है.