अमेठी फतेह करने में जुटे राजस्थान के कांग्रेसी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है चीफ ऑब्जर्वर

जयपुरः राजस्थान में लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए है और अब प्रदेश के कांग्रेसी नेता दूसरे राज्यो में कांग्रेस को विजय दिलाने की जिम्मेदारी संभाल रहे है.उत्तरप्रदेश की हॉट सीट अमेठी की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दी गई है.गहलोत ने राजस्थान के कई वरिष्ठ व चुनाव प्रबंधन के माहिर नेताओं को अमेठी बुला रखा है.गहलोत की मॉनिटरिंग में अमेठी का चुनाव लड़ा जा रहा है, जहां पर गांधी परिवार के भरोसेमंद किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है.क्या गहलोत व उनकी टीम अमेठी में कांग्रेस को विजयी दिला पाएंगे, देखिए यह रिपोर्ट

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस ने चुनाव प्रभारी बना कर अमेठी लोकसभा सीट पर भेजा है.रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीटें कांग्रेस की प्रतिष्ठा का सवाल बन गई हैं, क्योंकि दोनों ही गांधी परिवार की सीट मानी जाती थी.पिछली बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेठी सीट पर स्मृति ईरानी से हार गए थे.इस बार अमेठी से राहुल गांधी तो नहीं लड़ रहे, लेकिन गांधी परिवार ने अपने भरोसेमंद किशोरीलाल शर्मा को यहां से उम्मीदवार बनाया है.किशोरी पहला चुनाव लड़ रहे हैं,  ऐसे में कांग्रेस ने अमेठी में अशोक गहलोत के हाथ में चुनाव लड़वाने की कमान दी है.अमेठी की रणनीति की बात करे, इससे पहले थोड़ा सा फ्लैश बैक में जाते है.2017 में जब गुजरात में राज्यसभा चुनाव हो रहे थे और सियासी ड्रामे के बीच कांग्रेस के  थिंक टैंक अहमद पटेल चुनाव हारने की कगार पर पहुंच गए थे, तब गांधी फैमिली ने रणनीतिकार अशोक गहलोत को गुजरात भेजा.गहलोत ने ऐसी कमान संभाल कि अहमद पटेल को जीत दिलवा दी.अहमद पटेल की जीत का सेहरा गहलोत के सिर पर बंधा.अब अमेठी में पार्टी की साख दांव पर है.पार्टी के निर्देश पर गहलोत ने अमेठी में डेरा डाल दिया है और अपने राजनीतिक जीवन के पूरे अनुभव को यहां झोंक दिया है.अमेठी में वैसे तो पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं, लेकिन गहलोत ने पूरे लोकसभा क्षेत्र को 17 ब्लॉक में बांट दिया है.इन ब्लॉक में राजस्थान से बुलाए गए कांग्रेसी नेताओं को लगाया है.इनमें विधायक भी शामिल है, तो लोकसभा प्रत्याशी भी.जानकारी मिली है कि चुनाव प्रबंधन से जुड़ नेताओं को ही यहां पर बुलाया गया है.अमेठी व उत्तरप्रदेश के कांग्रेसी नेताओं के साथ राजस्थान के कांग्रेसी नेता भी अब अमेठी फतेह करने में जुट गए है.50 से अधिक राजस्थान के कांग्रेसी नेता अमेठी में घर-घर दस्तक दे रहे है.

अमेठी में राजस्थान के कांग्रेसी संभाल रहे चुनाव का जिम्मा
अमेठी की पांच विधानसभा सीटों को 17 ब्लॉक में बांटा गया है 
तिलोई ब्लॉक में दिनेश खोडनिया को दी गई है जिम्मेदारी
बहादुरपुर में जोगेंद्र अवाना व अशोक पोसवाल संभाल रहे जिम्मा
सिंहपुर ब्लाक में दानिश अबरार व चेतन डूडी की जोड़ी कर रही मेहनत 
सलोन ब्लाक में सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को दिया है जिम्मा 
डीह ब्लॉक में राजेंद्र सोलंकी व पन्नालाल कच्छावा कर रहे प्रचार 
छतोह ब्लॉक में बाबूलाल नागर व नरेंद्र सिंह भाटी को जिम्मा 
अमेठी ब्लाक में हेम सिंह शेखावत , देशबंधु शर्मा व हारून रशीद संभाल रहे कमान
संग्रामपुर ब्लॉक में यशवर्धन सिंह शेखावत व भानु प्रताप सिंह को मिला है जिम्मा 
भादर ब्लॉक में संदीप यादव व पवन गोदारा निभा रहे जिम्मेदारी 
भेटुआ ब्लॉक में पूर्व मंत्री भजनलाल जाटव कर रहे मेहनत 
गौरीगंज ब्लाक की कमान संभाल रहे धर्मेंद्र सिंह राठौड़ 
जामों ब्लाक में ताराचंद मीन, नौरत गुर्जर व सर्वेश पारीक को जिम्मेदारी 
शाहगढ़ ब्लॉक में संदीप चौधरी व राजेंद्र यादव कर रहे मेहनत 
मुसाफिरखाना ब्लाक में महेंद्र गहलोत व शमशेर खान भालू को जिम्मा
जगदीशपुर ब्लॉक में विधायक रफीक खान की टीम कर रही काम 
बाजारशुकुल ब्लॉक में लाखन मीणा व दीनबंधु शर्मा को जिम्मा
बल्दीराय ब्लॉक में करण सिंह उचियारड़ा व प्रकाश बिश्नोई कर रहे प्रचार
धर्मेंद्र राठौड को पूरे चुनाव का समन्वयक बनाया गया है

गुजरात की राज्य चुनाव की घटना के बाद 7 साल बाद अशोक गहलोत को एक बार फिर कांग्रेस ने प्रतिष्ठा के सवाल वाली सीट अमेठी में उतारा है.गहलोत से जब एक इंटरव्यू में पूछा गया कि, एक सीट को जीतने के लिए एक पूर्व मुख्यमंत्री को प्रभारी क्यों बनाया गया? इस पर गहलोत दो शब्द बोलकर खामोश हो जाते हैं, वो हैं 'पार्टी का आदेश', फिर कहते हैं, मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हुं, मेरे 50 साल के सियासी जीवन में मैंने वही किया जो पार्टी ने मुझे करने को कहा.अशोक गहलोत के बारे में यह बात बहुत आम है कि, उनकी आलाकमान से अपनी 'वफादारी' और मुश्किल वक्त में कांग्रेस की कमान हाथ में लेकर चलने की ताकत के चलते गहलोत पार्टी में आज भी प्रासंगिक बने हुए हैं. यही वजह है कि राजस्थान की सत्ता गंवाने और फ़ोन टेपिंग से लेकर विधायक दल की बैठक नहीं होने दने के आरोपों के बावजूद गहलोत आज भी पार्टी में गांधी परिवार के सबसे करीबी नेताओं में शुमार हैं. अमेठी में पार्टी उनके तजुर्बे का भरपूर फायदा उठाना चाहती है..खुद अशोक गहलोत अमेठी के गली मोहल्लो में निकल पड़े है.प्रियंका गांधी के साथ लगातार प्रचार कर रहे है और हर शाम को सभी जिम्मेदार नेताओं के साथ बैठक करके चुनावी प्रबंधन संभाल रहे है.गहलोत ने अपने भरोसेमंद धर्मेंद्र राठौड़ को पूरे चुनाव का समन्वयक बना रखा है.राठौड एक ब्लॉक की विशेष जिम्मेदारी भी संभाल रहे है.अमेठी के पास की रायबरेली सीट से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे है. चूंकि राहुल खुद मैदान में है, इसलिए अमेठी की बजाय रायबरेली का चुनाव कांग्रेस के लिए आसान है. चुनौती तो अमेठी में है, जहां पर कांग्रेस ने नया चेहरा उतारा है और गहलोत को जिम्मा दिया है केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को हराने का.ऐसे में गहलोत ने भी बड़ी चुनौती को देखते हुए चुनाव के माइक्रोमैनेजमेंट पर फोकस किया है.