डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड को लेकर मापदंड किए जारी, अनुबंधित फर्म की उस कार्य को दुरूस्त करने की जिम्मेदारी

जयपुरः प्रदेश भर के निकायों की ओर से कराए जाने वाले विकास कार्यों की गुणवत्ता और कार्य करने वाली फर्म की जिम्मेदारी को लेकर एकरूपता हो. इसको लेकर राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. 

प्रदेश भर के विकास प्राधिकरण,नगर सुधार न्यासों और आवासन मंडल की ओर से सड़क,पुल,नाला,चारदिवारी,भवन निर्माण और बिजली संबंधी कार्य कराए जाते हैं. इन कार्यों की गुणवत्ता अच्छी हो और इन्हें करने वाली संबंधित फर्म की इस गुणवत्ता को लेकर जिम्मेदारी हो इसके लिए राज्य सरकार के स्तर पर पहली बार विभिन्न निर्माण कार्यों की डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड (डीएलपी) निर्धारित किया है. आपको सबसे पहले बताते हैं कि डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड होता क्या है और सरकार के स्तर पर इनको निर्धारित करने की जरूरत क्यों पड़ी?

-डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड का मतलब उस समय से है जिसमें निर्माणकर्ता फर्म की पूरी जिम्मेदारी रहती है

-किए गए कार्य में उस समय में कोई कमी सामने आती है अथवा किया गया कार्य किसी कारण से खराब हो जाता है

-उस कार्य का पूरी तरह दुरूस्त करने की जिम्मेदारी उस समय में निर्माणकर्ता फर्म की ही रहती है

-मसलन कहीं सड़क का निर्माण किया गया है और उसका डिफेक्ट लायबलिटी पीरियड पांच साल है
 
-तो इन पांच सालों में अगर सड़क बारिश के कारण खराब होती है या बिना बारिश ही उसमें गड्ढे पड़ जाते हैं

-या सड़क कई स्थानों से क्षतिग्रस्त हो जाती है तो

-डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड के पांच साल में सड़क को दुबारा दुरूस्त करने की जिम्मेदारी निर्माणकर्ता फर्म की रहेगी

-आवासन मंडल सहित विभिन्न प्राधिकरण व नगर सुधार न्यासों ने डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड का नियम लागू कर रखा है

-लेकिन इस डीएलपी की अवधि विभिन्न निकायों ने अलग-अलग निर्धारित कर रखी है

-इसके अलावा इस नियम को लागू करने के निकायों के मापदंड भी अलग-अलग है

-सभी निकायों में डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड को लेकर समान मापदंड लागू करने के उद्देश्य से सरकार ने आदेश जारी किए हैं

-प्रमुख सचिव यूडीएच वैभव गालरिया की ओर से आदेश जारी कर डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड के मापदंड लागू किए गए हैं

-यह आदेश आगामी कार्यों के साथ ही ऑनगोइंग कार्यों पर लागू होगा

-नगरीय विकास विभाग के मुख्य अभियंता अशोक चौधरी ने ये मापदंड प्रस्तावित किए थे

-बाद में प्रमुख सचिव यूडीएच वैभव गालरिया ने इन मापदंडों को फाइनल किया

नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया की ओर से जारी आदेश में विभिन्न कार्यों का उनकी प्रकृति के अनुसार डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड निर्धारित किया गया है. आपको बताते हैं किस कार्य के लिए क्या पीरियड निर्धारित किया गया है और इसके लिए क्या मापदंड होंगे.

-प्रमुख सचिव यूडीएच वैभव गालरिया की ओर से जारी आदेश के मुताबिक

-दस लाख रुपए से अधिक लागत के कार्यों पर डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड का नियम लागू होगा

-अगर कोई काम दस लाख रुपए से कम का है लेकिन अतिरिक्त कार्य के कारण उसकी लागत दस लाख रुपए से अधिक हो जाती है

-तो उस पूरे काम पर डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड का नियम लागू होगा

-अगर कोई काम दस लाख रुपए से अधिक का था

-लेकिन काम पूरा होते समय किसी कारणवश उसकी लागत दस लाख रुपए से कम रह जाती है तो

-डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड का यह नियम संबंधित फर्म पर काम पूरा होने के बाद छह महीने तक

-अथवा मानसून तक, दोनों में जो भी भी बाद में उस अवधि तक यह नियम लागू रहेगा

-सड़कों के पेच रिपेयर में डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड का नियम लागू नहीं होगा

-इस आदेश के अनुसार पुल के निर्माण का डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड 5 साल,

-क्रॉस ड्रेनेज वर्क,सीमेंट कंक्रीट सड़क/पेवमेंट क्वलिटी कंक्रीट,

-सीमेंट कंक्रीट टाईल्स,कर्ब स्टोन,मीडियन व नाला निर्माण कार्य का डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड 5-5 साल रहेगा

-टू लेयर डब्लूबीएम/जीएसबी सड़क निर्माण का डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड छह महीने अथवा

-पूरे मानूसन तक, दोनों में से जो अवधि बाद में हो, तब तक के लिए लागू रहेगा

-सड़क नवीनीकरण और सुदृढ़ीकरण के मामले में 30 एमएम मोटाई की डामर सड़क का 2 साल,

-इससे अधिक मोटाई से लेकर 90 एममए मोटाई वाली डामर सड़क का डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड तीन साल रहेगा

-90 एमएम से अधिक मोटाई वाली सड़क संबंधी कार्य के लिए यह पीरियड पांच साल रहेगा

-इसी तरह नई सड़क के मामले में 90 एमएम तक की मोटाई वाली डामर सड़क का यह पीरियड 3 साल

-और इससे अधिक मोटाई वाली डामर सड़क का पीरियड 5 साल रहेगा

-चारदिवारी निर्माण कार्य का डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड 3 साल रहेगा

-भवनों में सैनेट्री कार्य,विद्युय कार्य व पेंटिंग कार्य का 3 साल

-भवन निर्माण कार्य व अन्य सिविल वर्क का डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड 5 साल रहेगा

-जिन कार्यों में रखरखाव का अनुबंध नहीं हैं उन विद्युत संबंधी कार्यों के लिए 3 साल और

-सीवर कार्य व पेयजल आपूर्ति संबंधी कार्यों का डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड 3 साल रहेगा.