नई दिल्ली: देश में क्रिप्टो लेनदेन, क्रिप्टो माइनिंग और क्रिप्टो पूंजी को व्यापक रूप से अनियमित बताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि इस दिशा में विनियमन के लिए सभी देशों को मिलकर प्रयास करने होंगे और अकेले किसी देश की कोशिश प्रभावी नहीं होंगी.
सीतारमण ने लोकसभा में शून्यकाल में यह भी कहा कि गत दिसंबर में भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल मुद्राओं के खुदरा और थोक इस्तेमाल के संदर्भ में एक पायलट परियोजना शुरू की है जिसके परिणामों का इंतजार किया जा रहा है.
दिशा में विनियमन के प्रयास प्रभावी नहीं होंगे:
सदन में द्रमुक सदस्य टी सुमति के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो माइनिंग, लेनदेन या पूंजी भारत में अभी व्यापक तौर पर अनियंत्रित है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह तकनीक आधारित है और किसी अकेले देश के इस दिशा में विनियमन के प्रयास प्रभावी नहीं होंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि जी-20 में इस विषय को उठाया जा रहा है और अन्य सदस्य देशों से बातचीत कर मानक प्रोटोकॉल बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए क्रिप्टो लेनदेन या माइनिंग के विनियमन के लिए सभी देशों को मिलकर प्रयास करने होंगे.
सॉफ्टवेयर, ऐप और प्रोग्राम की जांच की जाती है:
सीतारमण ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल मुद्राओं के खुदरा और थोक इस्तेमाल के संदर्भ में एक पायलट परियोजना शुरू गत दिसंबर में शुरू की है. उन्होंने कहा कि इसके लिए अनेक सैंडबॉक्स तैयार किये गये हैं ताकि उपयोगकर्ताओं के मामलों का अध्ययन किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस दौरान मामलों का अध्ययन किया जाएगा और इस प्रक्रिया के दौरान ही समझा जा सकता है कि इनके क्या प्रभाव हो सकते हैं जिन पर कोई कार्रवाई की योजना बनाई जानी है. सैंडबॉक्स ऐसा अलग परीक्षण परिवेश है जिसमें सॉफ्टवेयर, ऐप और प्रोग्राम की जांच की जाती है.
वित्तपोषण एवं मादक पदार्थों के लिए दुरुपयोग नहीं हो:
वित्त मंत्री ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार ने पिछले बजट में क्रिप्टो लेनदेन पर कर या टीडीएस का प्रावधान किया था ताकि पता चल सके कि किसने यह लेनदेन किया है और किस मंच पर किया है. उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था की गयी थी ताकि धन का मार्ग पता चल सके और इसका आतकवाद के वित्तपोषण एवं मादक पदार्थों के लिए दुरुपयोग नहीं हो. उन्होंने कहा कि यह क्रिप्टो एसेट की बात है, मुद्रा की नहीं. सीतारमण ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक जो पायलट परियोजना चला रहा है वह क्रिप्टो करेंसी पर है. सोर्स-भाषा