VIDEO: राजस्थान कांग्रेस नेतृत्व एक्शन मोड में, पेंडिंग नियुक्तियों का काम हुआ शुरु, देखिए ये खास रिपोर्ट

VIDEO: राजस्थान कांग्रेस नेतृत्व एक्शन मोड में, पेंडिंग नियुक्तियों का काम हुआ शुरु, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: दिल्ली से हरी झंडी मिलने के बाद स्टेट कांग्रेस लीडरशिप अब संगठन की मजबूती को लेकर एक्शन मोड में है. पीसीसी में प्रदेश पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक में इसको लेकर विस्तार से मंथन होगा. वहीं जिले से लेकर बूथ लेवल तक पड़े खाली पदों को भरने की भी प्रक्रिया शुरु हो चुकी है. अब ब्लॉक से लेकर पीसीसी की रेगुलर बैठक होगी..वहीं संगठन की गतिविधियों और पदाधिकारियों की परफॉर्मेंस की भी प्रोपर मॉनिटरिंग होगी.

उपचुनाव की जंग में मिली करारी हार के बाद अब प्रदेश कांग्रेस का पूरा फोकस संगठन की मजबूती पर है. पिछले दिनों दिल्ली में हाईकमान के साथ प्रदेश के नेताओं की इसको लेकर लंबी चर्चा चली. जिसमें हाईकमान ने प्रदेशाध्यक्ष,प्रभारी औऱ नेता प्रतिपक्ष को हरी झंडी देते हुए संगठन को प्रायोरिटी पर रखने के निर्देश दिए. दिल्ली से लौटते ही डोटासरा अब हरकत में भी आ गए हैं. लंबे समय से पेंडिंग सिरोही जिला कांग्रेस कमेटी का गठन कर दिया और तीन ब्लॉक कार्यकारिणी भी घोषित कर दी. अब 16 और 17 दिसम्बर को दो दिवसीय प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक भी बुला ली गई है.

जल्द ही अब पाली और भीलवाड़ा जिला कांग्रेस कमेटी की घोषणा कर दी जाएगी. साथ ही शेष ब्लॉक अध्यक्ष,मंडल अध्यक्ष औऱ बूथ अध्यक्षों की भी सूची जारी कर दी जाएगी. वहीं प्रकोष्ठ प्रमुखों का भी ऐलान कर दिया जाएगा. वहीं विभाग प्रमुख के लिए नाम दिल्ली भेज दिए जाएंगे. क्योंकि कांग्रेस संगठन में विभागों में नियुक्तियां हाईकमान ही करता है. पीसीसी के निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने से पहले अब पार्टी उन्हें पहले एक मौका और देगी. वहीं विधानसभा चुनाव 2023 में प्रचार के दौरान जिन नेताओं को प्रभारी रंधावा ने पदाधिकारी बनाया था. अब पहले उनको कईं टास्क देते हुए परफॉर्मेंस का आकलन किया जाएगा. बेहतरीन काम करने वालों को फिर पीसीसी में पोस्ट दी जाएगी.

 

कुल मिलाकर अगले एक-दो माह में संगठन पूरा खड़ा होकर तैयार हो जाएगा. उसके बाद सभी पदाधिकारियों को फील्ड में एक्टिव रहने, रेलगुलर बैठक लेने और धरने-प्रदर्शन करने जैसा टास्क दिया जाएगा. अब पदाधिकारियों की वर्किंग की रेलगुलर मॉनिटरिंग होगी फिर प्रभारी के जरिए उनकी रिपोर्ट सीधे हाईकमान को भेजी जाएगी. वहीं विधायकों औऱ सांसदों को भी अब पार्टी की हर गतिविधियों में अनिवार्य रूप से हिस्सा लेना होगा.