‘गलत’ कैच पकड़कर चुन्नी दा को शतक पूरा नहीं करने दिया- Sunil Gavaskar

‘गलत’ कैच पकड़कर चुन्नी दा को शतक पूरा नहीं करने दिया- Sunil Gavaskar

कोलकाता: महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने शनिवार को स्वीकार किया कि उन्होंने भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान चुन्नी गोस्वामी का ‘गलत कैच’ पकड़कर उन्हें रणजी ट्रॉफी मैच में शतक बनाने से वंचित कर दिया था.

भारतीय फुटबॉल को बुलंदी पर पहुंचाने वाले गोस्वामी ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया था. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान गावस्कर ने शनिवार को दिग्गज फुटबॉलर के नाम पर मोहन बागान के मुख्य द्वार का उद्घाटन किया. एशियाई खेल 1962 में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले गोस्वामी का 30 अप्रैल 2020 को 82 वर्ष की आयु में का निधन हो गया था.

मैंने उन्हें गलत तरीके से 96 पर आउट किया था: 
गावस्कर ने बंगाली नये साल की शुभकामना देने के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि मुझे उनके (चुन्नी गोस्वामी) के खिलाफ रणजी ट्रॉफी (1968-69 सत्र, मुंबई बनाम बंगाल मैच) में खेलने का सौभाग्य मिला था. मैं इतने वर्षों के बाद यह बात कबूल करना चाहता हूं कि मैंने उन्हें गलत तरीके से 96 पर आउट किया था. उन्होंने कहा कि मैंने स्लिप में टप्पे वाला कैच पकड़ा. मैं इस अमान्य कैच स्वीकार करता इससे पहले ही मेरे एक सीनियर साथी ने जश्न में मुझे गले लगाया और कहा ‘सनी नहीं, यह अच्छी बल्लेबाजी कर रहा है हमें उसे आउट करना होगा.’ इस प्रकार चुन्नी को पवेलियन लौटना पड़ा. अगर ऐसा नहीं होता तो उन्होंने मुंबई के खिलाफ शतक बनाया होता.

गोस्वामी को भारतीय फुटबॉल का डॉन ब्रैडमैन करार: 
गावस्कर ने कहा कि मैंने इसे कई साल बाद चुन्नी दा के सामने इसे स्वीकार किया. लेकिन उन्होंने कहा कि ‘आपके खिलाफ शतक बनाना मेरा सौभाग्य नहीं था’. वह ऐसे ही थे. मेरे पास उनकी कई अच्छी यादें हैं. इस मौके पर यहां मौजूद रहना सम्मान की बात है. गोस्वामी ने 1956 से 1964 के बीच 50 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले, जिसमें 1960 का रोम ओलंपिक भी शामिल है. बहुमुखी खिलाड़ी ने 1962 और 1973 के बीच 46 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैचों में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया. गावस्कर ने इस मौके पर चुन्नी गोस्वामी को भारतीय फुटबॉल का डॉन ब्रैडमैन करार दिया. सोर्स-भाषा