प्रतिबंध के बावजूद तंबाकू दुकानों पर आसानी से उपलब्ध हैं ई-सिगरेट- Survey

प्रतिबंध के बावजूद तंबाकू दुकानों पर आसानी से उपलब्ध हैं ई-सिगरेट- Survey

नई दिल्ली: तंबाकू की दुकानों पर ई-सिगरेट आसानी से उपलब्ध हैं और उम्र के सत्यापन के बगैर ही उन्हें किसी को भी बेच दिया जाता है. एक संयुक्त सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है.

इस सर्वेक्षण का निष्कर्ष केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ साझा किया गया है. असम, गोवा, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और दिल्ली में यह सर्वेक्षण किया गया. सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि जब ई-सिगरेट के लिए ऑनलाइन (ई-वाणिज्य, वेबसाइट, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, फेसबुक एवं अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से) ऑर्डर किया जाता है तो दो-तीन दिनों में इसे पहुंचा दिया जाता है और यह बिक्री उम्र के सत्यापन के बिना की जाती है. इस सर्वेक्षण के अनुसार, ज्यादातर विक्रेताओं को यह पता नहीं है कि ई-सिगरेट पर कानूनन पाबंदी है, ऐसे में ई-सिगरेट खुलेआम बेची जाती है तथा ज्यादातर ई-सिगरेट का उत्पादन चीन में किया जाता है.

बेंगलुरु तथा कर्नाटक नो फोर टोबैको ने यह सर्वेक्षण किया:
वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया, वॉयस, नड्डा इंडिया, नेशनल लॉ स्कूल यूनिवर्सिटी इंडिया, बेंगलुरु तथा कर्नाटक नो फोर टोबैको ने यह सर्वेक्षण किया है. इस सर्वेक्षण के अनुसार 2019 में सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के बावजूद तंबाकू की दुकानों पर ई-सिगरेट आसानी से उपलब्ध हैं और 18 साल से कम उम्र के बच्चे भी इसे आसानी से खरीद सकते हैं.

मांग के आधार पर घर तक भी पहुंचा देते हैं: 
यह सर्वेक्षण ऑनलाइन और ऑफलाइन किया गया है. सर्वेक्षण के दौरान पाया गया है कि शिक्षण संस्थानों के समीप तंबाकू दुकानों पर ई-सिगेरट उपलब्ध हैं और कुछ दुकानदार न केवल ऐसे उत्पाद बेचते हैं, बल्कि मांग के आधार पर घर तक भी पहुंचा देते हैं. वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मुख्य कार्यकारी भावना मुखोपाध्याय ने कहा कि बच्चों को हानिकारक व्यसन से बचाने के लिए ई-सिगरेट पर पाबंदी लगायी गयी है, लेकिन यह पाबंदी ढीली है, फलस्वरूप सस्ती एवं बिना ब्रांड वाली सिगरेट बाजार में भारी मात्रा में उपलब्ध है, ऐसे में केंद्र एवं राज्य स्तर पर समन्वित प्रयास की जरूरत है, ताकि यह पाबंदी प्रभावी हो सके. सोर्स-भाषा