जयपुर: वास्तु में दिशाओं का बहुत महत्व है और व्यापार के दौरान आपको भी अपने दिशा स्थान का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है. वास्तुशास्त्र के सिद्धांत सिर्फ घर में ही कारगर नहीं है अपितु इनका उपयोग दफ्तर और व्यवसायिक क्षेत्रों जैसे दुकान, फैक्ट्री आदि में भी किया जा सकता है. यदि आपके व्यवसाय क्षेत्र में वास्तुदोष है तो आपको व्यवसाय में सफलता नहीं मिल पाएगी. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वास्तु में दिशाओं का बहुत महत्व है और व्यापार के दौरान आपको भी अपने दिशा स्थान का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है. यदि आप अपने व्यवसाय को कामयाब बनाना चाहते हैं तो वास्तु के इन उपायों को जरूर आज़माएं. व्यवसाय को सफल बनाने के लिए दुकान या शोरूम का मुख्यद्वार दीवार के बीच में होना शुभ होता है. दुकान के अंदर बिक्री का समान रखने की शेल्फ,शोकेस उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाना आपको लाभ दिलाएगा और आपका व्यवसाय बढ़ेगा.
ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार शोरुम या दुकान का कैशबाक्स हमेशा दक्षिण और पश्चिम दीवार के सहारे होना उपयुक्त माना जाता है. अपने व्यवसाय स्थल के ईशान कोण में मंदिर लगाया जा सकता है. इसके साथ ही इस हिस्से में पीने का पानी रखना भी शुभ मन जाता है. आप अपने ऑफिस, दुकान या फैक्ट्री में सफेद, क्रीम या हल्के रंग का उपयोग कर सकते हैं. इन रंगों से सकारात्मकता का प्रवाह होता है, जो व्यवसाय में तरक्की प्रदान करने में सहायक माने जाते हैं. व्यवसाय को कामयाब बनाने के लिए आप अपनी टेबल पर श्रीयंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, क्रिस्टल वाला कछुआ, क्रिस्टल बॉल, आदि रख सकते हैं. इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार दुकान के मालिक या मैनेजर को अपने व्यवसाय क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए. व्यवसाय में सफलता पाने के लिए आप अपने दुकान या फैक्ट्री में पांचजन्य शंख भी स्थापित कर सकते हैं. शंख को माता लक्ष्मी का भाई मानते हैं क्योंकि दोनों की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी. शंख की पूजा से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं. और इससे आपको व्यवसाय में सफलता हासिल हो सकती है.
व्यापार बढ़ाने के वास्तु टिप्स :
भगवान की मूर्ति लगाने का सही स्थान:
वास्तु विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि हम में से अधिकतर लोग अपने दफ्तरों, दुकानों में एक छोटा पूजा कक्ष या मंदिर बनाते हैं. जहां भगवान की मूर्ति रखते हैं. हालांकि अगर आप इसे गलत जगह पर रखते हैं तो ये आपके काम और मुनाफे को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है. वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार मंदिर या पूजा कक्ष हमेशा ईशान कोण या पूर्व दिशा में होना चाहिए.
क्लियर ऑफिस एंट्री:
वास्तु विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि क्या आपने अपनी दुकान, कार्यालय या कारखाने के प्रवेश द्वार को बहुत अधिक सजावटी सामग्री से सजाया है. वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि ये आपके रास्ते में आने वाले अच्छे व्यावसायिक अवसरों को रोक सकता है. इन्हें तुरंत हटा दें. आपके कार्यालय, दुकान या कारखाने का प्रवेश हमेशा क्लियर होना चाहिए.
दफ्तर के मालिक का रूम/सीट:
ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि आप अपने कार्यालय या दुकान में जहां बैठते हैं, वो आपके व्यवसाय की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आपका कमरा हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए या आप इस तरह बैठ सकते हैं कि आपका मुख उत्तर दिशा की ओर हो. मंदिर आपके पीछे नहीं होना चाहिए. भगवान की मूर्तियों को अपने सीट के पीछे कभी न रखें. आपकी सीट के पीछे हमेशा एक सादी दीवार होनी चाहिए.
वॉशरूम की दिशा:
वास्तु विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि माना जाता है कि वॉशरूम/शौचालय में नकारात्मक ऊर्जा होती है और व्यापार में किसी भी समस्या से बचने के लिए इनका सही दिशा में होना जरूरी है. इन्हें हमेशा उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. नहीं तो ये आपके व्यवसाय में वित्तीय वृद्धि को रोक सकते हैं.
दुकान/कारखाने में फर्नीचर:
ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि अगर आपको अपने कार्यस्थल पर कोई फर्नीचर रखना है तो सुनिश्चित करें कि उसका आकार अनियमित या एल-आकार का न हो. क्योंकि ये विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं. अपने ऑफिस के लिए हमेशा चौकोर या आयताकार आकार का फर्नीचर चुनें.
उत्तर दिशा:
सुनिश्चित करें कि उत्तर दिशा हमेशा साफ हो. आपको यहां कुछ भी नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है. साथ ही इस क्षेत्र को लाल रंग से नहीं रंगना चाहिए. इस क्षेत्र में कभी भी पेंट्री डिजाइन न करें.
कार्यालय में लाइट
ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि आपके कार्यालय या दुकान में अच्छी रोशनी होनी चाहिए, कार्यालय में प्राकृतिक प्रकाश व्यवस्था हो तो हमेशा बेहतर होता है. अगर नहीं तो आप बहुत सारी लाइट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये कार्यालय में किसी भी नकारात्मकता को रोकता है और व्यवसाय को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसके अलावा अगर आप अपने व्यवसाय के लिए एक नया स्थान खरीद रहे हैं तो ऐसी जगह की तलाश करें जहां अच्छा वेंटिलेशन, ढेर सारी खिड़कियां और प्राकृतिक रोशनी हो.
दाहिनी दीवार के रंग
वास्तु विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि आपके कार्यालय या कारखाने में दीवार के रंग भी महत्वपूर्ण हैं. इनका काम के माहौल से सीधा संबंध है. हमेशा ऐसे रंगों का इस्तेमाल करें जो ब्राइट और आंखों को भाते हों. अपनी दुकान या ऑफिस के लिए सफेद, नीला, ग्रे जैसे रंग चुनें. इससे सकारात्मकता आएगी और व्यापार में वृद्धि होगी.