जयपुर: डीजीपी राजीव शर्मा ने बड़ा फैसला लेते हुए पुलिस मुख्यालय की 25 शाखाओं को नए सिरे से काम आवंटित किया है, पुलिस मुख्यालय में लंबे समय के बाद यह बदलाव किया गया है.
राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए विभिन्न शाखाओं के कार्य और जिम्मेदारियों का नया विभाजन लागू कर दिया है. पुलिस मुख्यालय की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और समन्वित बनाने के उद्देश्य से जारी इस आदेश में पहले के सभी आदेशों को निरस्त कर दिया गया है. नए आदेश में प्रशासन से लेकर इंटेलिजेंस, साइबर क्राइम, एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स से लेकर ट्रैफिक और प्रशिक्षण तक कुल 25 शाखाओं के दायित्वों को विस्तार से परिभाषित किया गया है, हाल ही में बनी नई शाखाओं एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और एंटी नार्कोटिक्स शाखा की भूमिका भी तय कर दी गई है.
1. प्रशासन, कानून-व्यवस्था
इस शाखा को राज्य में कानून-व्यवस्था की निगरानी, संसाधनों के प्रबंधन, विस्थापन, आपदा के समय तैनाती और चुनाव प्रबंधन की प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी गई है.
साथ ही पुलिस लाइंस का संचालन, पुलिस बल की अनुशासन व्यवस्था, स्टैंडिंग ऑर्डर्स की मॉनिटरिंग और जिला इंस्पेक्शन जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी इसी शाखा के अंतर्गत रहेंगे.
2. एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स
AGTF को संगठित अपराध, गैंगों और क्राइम सिंडिकेट्स की खुफिया जानकारी विकसित करने, अन्य राज्यों, CBI, NIA और इंटरपोल से समन्वय करने की जिम्मेदारी दी गई है.
इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच, लुकआउट सर्कुलर, प्रत्यर्पण, डिपोर्टेशन और हार्डकोर क्रिमिनल स्कीम की मॉनिटरिंग भी इसी शाखा के अधीन होगी.
3. एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स
मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े नेटवर्क पर कार्रवाई, फील्ड यूनिट्स के साथ संयुक्त ऑपरेशन और एनसीओआरडी की राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग ANTF द्वारा संभाली जाएगी.
राज्य में सभी एंटी-ड्रग ऑपरेशंस की नोडल एजेंसी भी यही शाखा होगी.
4. आर्म्ड बटालियन्स
RAC, MBC और इंडिया रिजर्व बटालियन सहित सभी आर्म्ड यूनिट्स के प्रशासनिक कार्य, कमांडो ट्रेनिंग, STF, ERT, QRT जैसी विशेष यूनिट्स का गठन और पुलिस खेल गतिविधियों का संचालन इसी शाखा द्वारा किया जाएगा. SDRF के प्रशासनिक विषय भी इसी शाखा के अधीन रखे गए हैं.
5. एटीएस – आतंकवाद विरोधी कार्रवाई
राज्य में आतंकवाद-निरोधी उपाय, खुफिया संग्रह, एटीएस आउटपोस्ट्स की मॉनिटरिंग, ERTs का संचालन और CT इंटेलिजेंस का संग्रहण एटीएस संभालेगी.
आतंकवाद संबंधित मामलों की जांच और उनके ट्रायल की मॉनिटरिंग भी इसी शाखा को दी गई है.
6. सिविल राइट्स एवं एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग शाखा – कमजोर वर्गों की सुरक्षा
महिला, SC/ST, वरिष्ठ नागरिक, ट्रांसजेंडर सहित कमजोर वर्गों पर होने वाले अपराधों का गहन विश्लेषण और नीति निर्माण इस शाखा की प्राथमिक भूमिका है.
मानवाधिकार उल्लंघन, कस्टोडियल क्राइम, बाल श्रम, बाल विवाह, सेक्स ट्रैफिकिंग, मिसिंग पर्सन्स, हेल्पलाइन 1090/1098/181 और एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स की मॉनिटरिंग इसी शाखा में शामिल है.
7. कम्युनिटी पुलिसिंग शाखा – पुलिस-जन सहयोग को मजबूत करेगी
आदर्श थाना योजना, CLG, सुरक्षा सखियाँ, पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक और सोशल मीडिया संचालन में सहायता देने के साथ साथ थानों के स्वागत कक्षों की मॉनिटरिंग इस शाखा के जिम्मे रहेगी.
8. कॉन्फिडेंशियल शाखा – डीजीपी कार्यालय का मुख्य समन्वय
डीजीपी को भेजे जाने वाले सभी पत्राचार, शिकायत निवारण, बैठकें, APAR, और अन्य गोपनीय कार्य इसी शाखा द्वारा संचालित होंगे.
9. क्राइम ब्रांच
क्राइम प्रिवेंशन, जटिल/महत्वपूर्ण मामलों की जांच, अपराध सांख्यिकी विश्लेषण, NCL, Case Officer Scheme, अंतरराज्यीय अपराधों का समन्वय, विधानसभा प्रश्न, मॉडस ऑपेरेंडी ब्यूरो, पुलिस डॉग स्क्वाड, PR सेल और NATGRID/ICJS के उपयोग को बढ़ावा देना इसी शाखा में रहेगा.
10. साइबर क्राइम शाखा – डिजिटल सुरक्षा की कमान
साइबर पुलिस स्टेशनों की निगरानी, हेल्पलाइन 1930, CCPWC यूनिट्स, साइबर सुरक्षा, साइबर अपराध जागरूकता, विश्लेषण और केंद्रीय एजेंसियों से समन्वय—इन सभी की जिम्मेदारी इस शाखा को दी गई है.
11. हेडक्वार्टर शाखा – पुलिस कर्मियों का प्रशासनिक केंद्र
स्थानांतरण, वरिष्ठता निर्धारण, सेवा रिकॉर्ड, रिटायरमेंट, डिपुटेशन आदि सभी HR संबंधी कार्य HQ ब्रांच द्वारा संभाले जाएंगे.
12. इंटेलिजेंस शाखा – आंतरिक सुरक्षा की रीढ़
राज्य की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े सभी इंटेलिजेंस इनपुट, प्रकाशन, SSB और जोनल यूनिट्स का प्रशासन, VIP सुरक्षा, साम्प्रदायिक मामलों का विश्लेषण और स्टेट कंट्रोल रूम का संचालन इसी शाखा में रखा गया है.
13. पर्सनल शाखा – इंस्पेक्टर से ऊपर के रैंक के सेवा मसले
त्रांसफर-पोस्टिंग नीति, मेडेल्स, सेवा नियम, APAR सहित अधिकारी रैंक के प्रशासनिक काम इस शाखा के जिम्मे रहेंगे.
14. प्लानिंग, मॉडर्नाइजेशन एवं वेलफेयर शाखा
पुलिस आधुनिकीकरण, बजट, खरीद-प्रक्रिया, पुलिस वेलफेयर फंड, कैंटीन, रिटायरमेंट लाभ, सैलरी पैकेज और पुलिस प्रिंटिंग प्रेस सहित 13 प्रमुख दायित्व इस शाखा को दिए गए हैं.
15. पुलिस हाउसिंग शाखा
लैंड, बिल्डिंग्स, मेंटेनेंस, मरम्मत, RPIDCL और भवन आवंटन से जुड़े कार्य इसी शाखा से संचालित होंगे.
16. रेलवे शाखा – GRP का प्रशासन
रेलवे क्षेत्र में अपराध नियंत्रण, GRP का प्रशासन और रनिंग ट्रेनों में चोरी की शिकायतों पर निगरानी इसी शाखा की जिम्मेदारी है.
17. राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA)
IPS, RPS, SI प्रशिक्षण, रिफ्रेशर कोर्स, राज्य स्तरीय फंक्शन, पुलिस जर्नल्स और रिसोर्स सेंटर के संचालन का कार्य RPA करेगी.
18. भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड
कांस्टेबल, RAC, मिनिस्ट्रियल और क्लास-IV कर्मियों की सीधी भर्ती, खेल कोटा भर्ती और पदोन्नति संबंधी कार्य इसी बोर्ड द्वारा किए जाएंगे.
19. पुनर्गठन एवं नियम शाखा
पुलिस स्टेशनों की नई इकाइयाँ, सीमाएँ, स्टाफ स्ट्रेंथ, सेवा नियम, 2007 पुलिस एक्ट का अनुपालन और सेवा संबंधी सिविल व रिट मामलों का निपटारा इस शाखा को सौंपा गया है.
20. स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (SCRB)
IT आधारित सभी परियोजनाएँ, एप्स, पोर्टल्स, अबेय कमांड सेंटर, FRV-ERSS और फिंगर प्रिंट ब्यूरो की मॉनिटरिंग SCRB करेगा.
21. SDRF – राज्य स्तरीय आपदा प्रतिक्रिया
SDRF का संचालन, प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण और NDRF/फायर से समन्वय SDRF शाखा के जिम्मे रहा.
22. ट्रैफिक शाखा – सड़क सुरक्षा पर फोकस
सड़क सुरक्षा, ट्रैफिक प्लानिंग, ऑडिट, प्रशिक्षण, श्रेष्ठ प्रथाओं का प्रसार, दुर्घटना विश्लेषण, रोड सेफ्टी फंड और जिला रोड सेफ्टी कमेटियों की मॉनिटरिंग ट्रैफिक शाखा करेगी.
23. प्रशिक्षण शाखा – आधुनिक पुलिस प्रशिक्षण की रीढ़
सभी प्रशिक्षण नीतियाँ, पाठ्यक्रम, BPR&D से समन्वय, प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन, फील्ड ट्रेनिंग मॉनिटरिंग इस शाखा में शामिल है.
24. दूरसंचार और तकनीकी सेवाएँ
पुलिस टेलीकॉम, साइबर सुरक्षा, सोशल मीडिया संचालन, ड्रोन फॉरेंसिक, ड्रोन/काउंटर-ड्रोन सिस्टम मानक और तकनीकी उन्नयन इसी शाखा में शामिल हैं.
25. विजिलेंस शाखा – पुलिस विभाग की आंतरिक निगरानी
भ्रष्टाचार रोकथाम, विभागीय जांच, सस्पेंशन, अनुशासनिक कार्रवाई, अपील, प्रोसीक्यूशन सैंक्शन और सतर्कता मंजूरी—सभी विजिलेंस शाखा द्वारा संचालित की जाएंगी.
इन सभी शाखाओं पर अंतिम नियंत्रण और सुपरिंटेंडेंस DGP, राजस्थान के पास रहेगानए आदेश से राजस्थान पुलिस मुख्यालय की कार्यप्रणाली अधिक सुव्यवस्थित, परिणाम-उन्मुख और जवाबदेह होगी.विभिन्न शाखाओं की भूमिका स्पष्ट होने से न केवल कामकाज तेज होगा बल्कि अपराध नियंत्रण, साइबर सुरक्षा, कानून-व्यवस्था, प्रशिक्षण और तकनीकी विकास में भी सुगमता आएगी.