जयपुर: वित्तीय संकट से जूझ रही राजस्थान डिस्कॉम के सरकारी महकमों के बकाया बिजली बिल ने फ्यूज उड़ा दिए है. बड़े सरकारी विभागों के दफ्तरों का बकाया बिल 1900 करोड़ के आसपास पहुंच गया है. हालांकि, जनता की दिक्कतों को देखते हुए बिजली कम्पनियां इस कनेक्शनों पर कार्रवाई से बच रही थी, लेकिन अब वित्तीय वर्ष की समाप्ति में 15 दिन का ही समय शेष होने के चलते सख्ती शुरू हो गई है.
बिजली बिल का पैसा जमा कराने के प्रति सरकारी दफ्तरों की लापरवाही किसी से छिपी नहीं है. आमजन के बकाया बिल पर कनेक्शन काटने की कार्रवाई कर दी जाती है, जबकि सरकारी महकमों में कार्रवाई होने ही हंगामा शुरू हो जाता है. इसी बात का फायदा उठाते हुए सरकारी महकमों के अधिकारी बिजली बिल के भुगतान को अंतिम प्राथमिकता देते है. इसका उदाहरण तीनों डिस्कॉम की जनवरी माह तक की जारी रिपोर्ट में देखा जा सकता है.10 माह में आधा दर्जन से अधिक बड़े विभागों का बकाया 1900 करोड़ तक पहुंच गया है. इसमें सर्वाधिक 1267 करोड़ अकेले विभिन्न यूआईटी के पेटे बकाया बोल रहे है.
सरकारी दफ्तरों में दौड रहा बकाया का "करंट"
सरकारी वसूली पर टिकी बिजली अभियंताओं की परफोर्मेस
सरकारी महकमों में 1947 करोड़ रुपए का चल रहा बिल बकाया
पेयजल कनेक्शन और यूआईटी में सर्वाधिक बकाया राशि
तीनों डिस्कॉम में सर्वाधिक 1267 करोड़ यूआईटी में बकाया
PHED 259 करोड़, जनता जल योजना 305 करोड़,प्रशासन में 21 करोड़
पुलिस में 10 करोड व अन्य दफ्तरों में 68 करोड का बकाया
इस बकाया से जयपुर डिस्कॉम एमडी आर एन कुमावत काफी चिंतित
कुमावत रोज सभी सर्किल से सीधे संवाद कर ले रहे पल-पल की रिपोर्ट
राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए मुख्यालय से भेजी जा रही अधिकारियों की टीम
वित्तीय वर्ष की समाप्ति में 15 दिन शेष बचे है, ऐसे में बिजली अभियंताओं की सालाना परफोर्मेंसी सीधे तौर पर सरकारी दफ्तरों की वसूली पर आकर टिक गई है. अभियंताओं के सामने दिक्कत ये है कि यदि वे वसूली के लिए सरकारी दफ्तरों के कनेक्शन काटते है तो हंगामे का अंदेशा है. वहीं दूसरी ओर कोई कार्रवाई नहीं करने पर उनकी सालाना परफोर्मेंस सीधे तौर पर प्रभावित होती है. इस बारे में जयपुर डिस्कॉम एमडी आर एन कुमावत का कहना है कि फील्ड अभियंताओं को सख्ती के निर्देश दिए है. कुछ जगहों पर इसका असर भी नजर आ रहा है.
बिजली अभियंताओं के लिए आगामी 15 दिन काफी चुनौतीपूर्ण होंगे इस दौरान सबसे ज्यादा फोकस रहेगा कि किसी भी तरीके से सरकारी विभागों का बकाया वसूल किया जाए अब देखना ये होगा कि इस वसूली में अभियंता कितना सफल हो पाते है.